निगम के बिल्डिंग विभाग पर साढ़सती बरकरार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Nov, 2017 11:24 AM

municipal corporation

पंजाब में कांग्रेस सरकार आने और नवजोत सिंह सिद्धू के लोकल बाडीज मंत्री बनने के बाद जालंधर नगर निगम के बिल्डिंग विभाग पर साढ़सती का प्रकोप चल रहा है। बरसों पुराने अमृतसर के गलियारा मामले में हुई अनियमितताओं की फाइल दोबारा खोलते हुए मंत्री नवजोत...

जालंधर(खुराना) : पंजाब में कांग्रेस सरकार आने और नवजोत सिंह सिद्धू के लोकल बाडीज मंत्री बनने के बाद जालंधर नगर निगम के बिल्डिंग विभाग पर साढ़सती का प्रकोप चल रहा है। बरसों पुराने अमृतसर के गलियारा मामले में हुई अनियमितताओं की फाइल दोबारा खोलते हुए मंत्री नवजोत सिद्धू ने जहां कई निगमाधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की है वहीं जालंधर निगम के 2 ए.टी.पी. भी इस कार्रवाई के घेरे में आ गए हैं। अमृतसर में हुई अनियमितताओं दौरान ए.टी.पी. राजिंद्र शर्मा और बांके बिहारी की संलिप्तता पाई गई जिसके बाद दोनों को एक-एक पद पर डिमोट कर दिया गया है। गौरतलब है कि राजिंद्र शर्मा बिल्डिंग इंस्पैक्टर से ए.टी.पी. बने थे जिन्हें अब फिर बिल्डिंग इंस्पैक्टर बना दिया गया है। बांके बिहारी हैड ड्राफ्ट्समैन से ए.टी.पी. पद पर प्रोमोट हुए थे इसलिए अब उन्हें पुन: हैड ड्राफ्ट्समैन पद पर तैनात किया जाएगा। 

निगम के रिकार्ड से विवादित अवैध बिल्डिंगों की दर्जनों फाइलें गायब 
नगर निगम में अवैध बिल्डिंगों के मामले में भ्रष्टाचार का खेल पिछले कई सालों से खेला जा रहा है, परंतु अब रा’य सूचना आयोग के समक्ष चल रही कार्रवाई के दौरान बिल्डिंग विभाग का एक बड़ा स्कैंडल सामने आया है। बिल्डिंग विभाग के अधिकारियों ने राज्य सूचना आयोग को सूचित किया है कि कई अवैध बिल्डिंगों की फाइलें निगम के रिकार्ड रूम से गायब हैं। अब रा’य सूचना कमिश्नर ने इन बिल्डिंगों बारे 26 दिसम्बर तक सूचना उपलब्ध करवाने को कहा है जिसके बाद निगमाधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई सम्भावित है। गौरतलब है कि आर.टी.आई. एक्टिविस्ट संजय सहगल ने निगम से सूचना मांगी थी कि पिछले & सालों दौरान अवैध बिल्डिंगों को कितने नोटिस जारी किए गए, कितने नोटिस एसैस किए गए और कितनी बिल्डिंगों पर कार्रवाई की गई, कितनी सीलें लगाई गईं, कितनी सीलें एफिडेविट लेकर खोली गईं, कितनी बिल्डिंगों को कम्पलीशन सर्टीफिकेट जारी किया गया, कितनी बिल्डिंगें गिराई गईं और कितनों को कम्पाऊंड किया गया, कितने नक्शे पास और कितने रिफ्यूज किए गए, कितने अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की गई। संजय सहगल का आरोप है कि इन प्रश्रों के उत्तर में निगमाधिकारियों ने कई अवैध बिल्डिंगों और अस्पतालों बारे सूचना छिपा ली। उन्होंने कहा कि इन बिल्डिंगों के माध्यम से करोड़ों का चूना सरकार को लगाया गया और बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए रिकार्ड गायब कर दिया गया। इनमें कई अवैध कालोनियां, मकान, अस्पताल, होटल व कमॢशयल बिल्डिंगें शामिल हैं। 

गुम हुए रिकार्ड का ब्यौरा
-ए.टी.पी. बांके बिहारी से तीन बिल्डिंगों का रिकार्ड गायब है। 
-ए.टी.पी. शाम सुंदर से वार्ड नं. 40 के 200 रिहायशी मकानों, एक कालोनी, 2 अस्पतालों व एक होटल का रिकार्ड गायब है। 
-ए.टी.पी. राजिंद्र शर्मा से अस्पताल, शापिंग मॉल सहित 7 कमर्शियल बिल्डिंगों का रिकार्ड गायब है। 
कांग्रेसी नेता संजय सहगल ने इन तीनों ए.टी.पीज विरुद्ध पर्चा दर्ज करने की मांग की है। 

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