Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Nov, 2017 01:07 PM
यू.के.के संसद मैंबर तनमनजीत सिंह ढेसी जगतार सिंह जौहल उर्फ जगी के मामले को लेकर विवादों में हैं।
जालंधरः यू.के.के संसद मैंबर तनमनजीत सिंह ढेसी जगतार सिंह जौहल उर्फ जगी के मामले को लेकर विवादों में हैं। फेसबुक पर अपनी बात सांझी करते उन्होंने लिखा है कि वह सिर्फ सिखों के ही एम.पी. नहीं हैं, उन्हें अन्य बारे भी सोचना पड़ता है।
फेसबुक पर उन्होंने लिखा है कि बिना लोगों की बात सुने एक संसद मैंबर के तौर पर काम करना बहुत मुश्किल है। जो यह सोचते हैं कि मैं सिर्फ अपने सम्प्रदाय की बातें करता हूं चाहे वह आतंकवादी हों या कोई ओर। मेरे ही सम्प्रदाय के लोग मेरी कोशिशों को काफी नहीं मानते।
मैं वही काम करूंगा, जो मैं ठीक समझता हूं
ढेसी ने लिखा है कि जब लोग हमें गालियां निकालते हैं तो वह वास्तव में अपने ही काम का नुक्सान करते हैं। मैं वही काम करूंगा, जिसे मैं ठीक समझता हूं, बजाय इसके कि कोई मुझे अपनी सोच मुताबिक चलाए। उन्होंने आगे लिखा कि कुछ लोग एक मुद्दे को लेकर हमें गालियां देते हैं। एक संसद मैंबर होने के नाते हमारे पास एक ही समय कई ऐसे मामले होते हैं, जिनके बारे हम सोच रहे होते हैं, जैसे बेसहारा लोग, गरीबी को दूर करना, बच्चों का मोटापा, आर्थिक तरक्की, मज़दूरों के हक, भेदभाव, जातिवाद, सैक्स के मुद्दे, क्रिश्चियन, सिखों, मुसलमानों और हिंदुअों के मुद्दे अादि। यह सभी चीजें प्रभावित करती हैं। वास्तव में यह मुद्दे सालों तक सांसदीय क्षेत्र को भी प्रभावित करते हैं।
नियम मुताबिक लोकल एम. पी. को ही मामला उठाने का अधिकार
ढेसी ने अागे लिखा जो लोग चाहते हैं कि बिना सांसदीय नियमों को जाने मैं स्काटलैंड के सिख नागरिक जगतार सिंह जौहल का मुद्दा उठाऊं, तो उन्हें मैं बता दूं कि यह बड़ा मुद्दा है। जगतार सिंह जौहल के इलाके के एक स्थानीय एम. पी. ने पहले ही बुद्धवार को बहुत ही बढ़िया ढंग के साथ एक जरूरी सवाल और मुद्दा उठाया है। सिर्फ उस का अपना संसद मैंबर ही सबसे पहले पार्लियामेंट में सवाल कर सकता है, वह भी स्पीकर को निवेदन करने के बाद। मैं फिर भी लगातार इस का समर्थन करता हूं क्योंकि मैं जगतार सिंह का भला चाहने वाला हूूूूं और चाहता हुं कि निष्पक्ष ढंग के साथ उस की कानूनी सहायता हो।
जब से यह मुद्दा सामने आया है, मेरा स्टाफ और मैं वीकैंड पर भी इस बारे लोगों के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं और उसे मीडिया में सामाजिक मुद्दे के तौर पर उठाते हैं। विदेश सचिव और हाई कमीशन को एक्शन लेने के लिए अपील करते हैं। इन सभी कोशिशों के बावजूद रविवार को जब बाकी लोग अपने परिवारों के साथ थे परन्तु हम आनलाईन लोगों से गालियां खा रहे थे कि सिख एम. पी. कुछ नहीं कर रहा। लोगों का कहना था कि एक संसद मैंबर का काम प्रधानमंत्री से काम को ले कर ही सवाल पूछने चाहिएं।
उन्होंने कहा यह बात सत्य है कि आप हर किसी को खुश नहीं कर सकते, चाहे जितनी मर्जी मेहनत कर लो। मैं बहुत थोड़े समय में बहुत सी सिख मुद्दों पर काम किया और मैं इन मसलों पर अपने ढंग के साथ काम करता रहूंगा।