Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Jul, 2017 07:27 PM
परिवार का पालन-पोषण करने और अच्छा भविष्य बनाने के लिए मां-...
जालंधर/इराक: परिवार का पालन-पोषण करने और अच्छा भविष्य बनाने के लिए मां-बाप अपनी आंखों से दूर अपने पुत्रों को विदेश भेजते हैं। इसी तरह ही अच्छे भविष्य की खोज में विदेश गए 39 भारतीय इराक में लापता हो चुके हैं। इन में एक भोगपुर के गांव फतेहगढ़ का कुलविन्दर सिंह भी है। कुलविन्दर साल 2013 को इराक गया था और जून 2014 के बाद उस का कुछ पता नहीं लग सका है।
बताया जा रहा है कि आखिरी बार उस की पत्नी के साथ फोन पर बात हुई थी। उस ने अपनी पत्नी को बताया था कि यहां हालात ठीक नहीं हैं। इस के साथ ही उसने कहा था कि जिस कंपनी में वह काम कर रहा है, वह भी साथ नहीं दे रही। खाने के लाले पड़े हुए हैं, सभी दोस्त वापसी की कोशिश कर रहे हैं इतना कहते ही उसने फोन काट दिया। वहीं कुलविन्दर की मां शिम्बो ने बताया कि वह दिल की मरीज है। सारा खर्चा उस की दवाओं पर हो जाता है। घर के हालात भी बेहद खराब हैं। मकान की छत भी बारिश से टपक रही है। हमें तो बस हमारा लड़का वापस कर दो, जितने पैसे लगेंगे हम मेहनत-मजदूरी करके वापस कर देंगे।
उसकी पत्नी अमनदीप कौर ने बताया कि उसके पति को छुड़वाने के लिए कई बार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ बात हुई लेकिन उन्होंने कई बार भरोसा दिया कि जल्द ही कुलविन्दर को ढूंढ लेंगे, परन्तु आज तक उस की कोई खबर नहीं मिली है। पति ही घर में कमाने वाला था। गौरतलब है कि कुलविन्दर का विवाह साल 2006 में हुआ था। उसके दो जुड़वा बच्चे एक लड़की संजना और लड़का हर्ष है। साल 2013 में कुलविन्दर विदेश चला गया था तब से वह गायब है।