Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Nov, 2017 02:22 AM
पंजाब में पूर्व गठबंधन सरकार के कार्यकाल में सर्वाधिक किसानों ने आत्महत्याएं कीं। इसका खुलासा आर.टी.आई. एक्टीविस्ट डाल चंद पवार द्वारा जनसूचना अधिकार अधिनियम तहत पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना से मांगी गई जानकारी में किया गया है। पंजाब कृषि...
जालंधर(धवन): पंजाब में पूर्व गठबंधन सरकार के कार्यकाल में सर्वाधिक किसानों ने आत्महत्याएं कीं। इसका खुलासा आर.टी.आई. एक्टीविस्ट डाल चंद पवार द्वारा जनसूचना अधिकार अधिनियम तहत पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना से मांगी गई जानकारी में किया गया है।
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गई सूचना में बताया गया कि कृषि विश्वविद्यालय ने पंजाब सरकार के निर्देशों पर किसान व किसानों से जुड़े श्रमिकों की आत्महत्याओं संबंधी 2000 से लेकर 2010 तक का सर्वे किया गया। 2017 में कृषि विश्वविद्यालय ने कोई सर्वे नहीं किया। विश्वविद्यालय ने बताया कि 2011 के सर्वे के अनुसार 6,128 किसानों तथा खेत मजदूरों ने आत्महत्याएं की थीं।
इसमें से 57.23 प्रतिशत किसान शामिल थे जबकि 42.77 प्रतिशत खेत मजदूर शामिल थे। कृषि विश्वविद्यालय के सर्वे में यह बात सामने आई कि 74 प्रतिशत किसानों तथा 59 प्रतिशत मजदूरों ने आत्महत्याएं मुख्य रूप से उनके ऊपर चढ़े कृषि ऋणों को लेकर कीं। 26 प्रतिशत किसान व 48 प्रतिशत मजदूरों ने आत्महत्याएं अन्य कारणों से भी कीं।