Edited By Updated: 30 Mar, 2017 04:09 AM
पंजाब में बनी अमरेंन्द्र सरकार से राज्य की शैलर इंडस्ट्री ने मांग की है कि वह उन्हें संकट...
जालंधर(धवन): पंजाब में बनी अमरेंन्द्र सरकार से राज्य की शैलर इंडस्ट्री ने मांग की है कि वह उन्हें संकट से निकालने के लिए ब्ल्यू प्रिंट तैयार करे। शैलर इंडस्ट्री से जुड़े कपिल तकियार ने बुधवार को कहा कि 2012-13 से शैलर इंडस्ट्री घाटे में चली गई जिस कारण अब तक 500 से अधिक शैलर बंद पड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि शैलर मालिकों का शैलरों के अंदर पड़ा माल भी बर्बाद हो गया। अब मशीनरी को भी जंग लगना शुरू हो गया है।
करोड़ों रुपए की मशीनरी बर्बाद हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह शैलर मालिकों का ब्याज माफ कर दे क्योंकि कई शैलर मालिक चावल देने में सफल नहीं हुए थे। उन्होंने कहा कि शैलर मालिकों पर जो बकाया पड़ा हुआ है उसकी किस्तें कर देनी चाहिए। शैलर मालिकों के हजारों केस अदालतों में चल रहे हैं। इन केसों को भी खत्म किया जाना चाहिए क्योंकि शैलर मालिकों की हालत ऐसी हो गई है कि उनके पास अब केस लडऩे के लिए पैसे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व फूड सप्लाई मंत्री आदेश प्रताप सिंह कैरों ने शैलर मालिकों के लिए कुछ भी नहीं किया।
शैलर मालिक कैरों के पास जाते रहे परंतु उन्होंने कुछ चहेते शैलर मालिकों की ही सुनवाई की। उन्होंने कहा कि इन बंद पड़े 500 शैलरों को चालू किया जाना चाहिए, इससे जहां शैलर मालिकों की रोजी-रोटी चल सकेगी वहीं दूसरी तरफ सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति होगी। उन्होंने कहा कि अगर शैलर मालिकों की सुनवाई न हुई तो वह और वित्तीय संकट में फंस जाएंगे जहां से बाहर निकलना उनके लिए असंभव हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वास्तव में शैलर बंद होने के कारण ही शैलर मालिक चावल नहीं दे सके थे।