Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Aug, 2017 10:10 AM
पंजाब सरकार द्वारा राज्य भर के समूह जिला परिवहन कार्यालयों (डी.टी.ओ.) को आर.टी.ए. दफ्तरों में मर्ज करने की घोषणा के उपरांत आज मोगा डी.टी.ओ. दफ्तर में उस समय खलबली मच गई
मोगा (पवन ग्रोवर): पंजाब सरकार द्वारा राज्य भर के समूह जिला परिवहन कार्यालयों (डी.टी.ओ.) को आर.टी.ए. दफ्तरों में मर्ज करने की घोषणा के उपरांत आज मोगा डी.टी.ओ. दफ्तर में उस समय खलबली मच गई, जब अपने आपको आर.टी.ए. दफ्तर फरीदकोट के मुलाजिम बताने वाले कुछ व्यक्तियों ने डी.टी.ओ. दफ्तर मोगा के 3 कमरों को ताले लगा दिए।
हैरानी की बात तो यह है कि ताले लगाने आए मुलाजिम जहां तीनों कमरों को ताले लगा कर चाबियां अपने साथ ले गए, वहीं उनकी ओर से तीनों कमरों के बाहर एक नोटिस भी लगाया गया, जिसको बाद में फाड़ दिया गया। इस संबंधी जब जिला ट्रांसपोर्ट अधिकारी नरेन्द्र सिंह को दफ्तर के मुलाजिमों ने जानकारी दी तो उन्होंने तुरंत इसकी सूचना डिप्टी कमिश्नर मोगा को दी, लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि किसके आदेश के तहत मोगा दफ्तर के कमरों को ताले लगाए गए हैं।
ताले लगाने वालों से नहीं मांगे कोई लिखित आर्डर, चुपचाप कमरे से बाहर आए स्थानीय कर्मचारी
डी.टी.ओ. दफ्तर मोगा में तैनात जूनियर सहायक सुरेन्द्र भंडारी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि वह स्थानीय डी.टी.ओ. दफ्तर के एक कमरे में बैठा था कि 2-3 व्यक्ति आए, जिन्होंने अपने आपको आर.टी.ए. दफ्तर फरीदकोट का मुलाजिम बताया तथा कहा कि उनके पास कमरों को ताले लगाने का आदेश है इसलिए वे कमरे से बाहर आ जाएं। इसके तुरंत बाद वह तथा उसके साथी कमरे से बाहर आ गए, जबकि ताले लगाने वाले कमरे को ताले लगा कर चले गए। हैरानी की बात तो यह है कि स्थानीय डी.टी.ओ. दफ्तर में तैनात मुलाजिम सुरेन्द्र भंडारी सहित दूसरे मुलाजिमों ने एक बार भी ताले लगाने आए व्यक्तियों के नाम, उनके पद या ताले लगाने संबंधी कोई लिखित आर्डर मांगने या देखने की जरूरत नहीं समझी।
इस दफ्तर में तैनात डाटा एंट्री आप्रेटर नवदीप सिंह ने कहा कि वह ताला लगाने आए मुलाजिमों को पहचानता है, लेकिन ताला लगाने संबंधी कोई आदेश उसने नहीं देखा।
डी.टी.ओ. ने कहा- ऐसी कार्रवाई कानून के अनुसार ठीक नहीं
जिला ट्रांसपोर्ट अधिकारी मोगा नरेन्द्र सिंह ने कहा कि कुछ मुलाजिमों द्वारा अपने आपको आर.टी.ए. दफ्तर फिरोजपुर के मुलाजिम बता कर ताले लगाना कानून के अनुसार ठीक नहीं है। इस संबंध में उन्होंने जानकारी डिप्टी कमिश्नर दिलराज सिंह को दे दी है। उन्होंने कहा कि कमरा नंबर-11, 14 तथा 15 को ताले लगाने के कारण दफ्तर का कामकाज प्रभावित हुआ है, क्योंकि लोग पहले ही कफ्र्यू के कारण परेशान थे तथा आज लोगों को कमरे में ताले लगने के चलते बैरंग लौटना पड़ा। सिंह ने कहा कि अगर ताले लगाने वालों के पास उच्चाधिकारियों का कोई लिखित आदेश था तो उनका फर्ज बनता था कि वे पहले दफ्तर के प्रमुख या जिले के किसी अधिकारी से बात करते।