Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Nov, 2017 01:33 PM
4 दशक पहले होंद में आई मोगा की इंडस्ट्री फोकल प्वाइंट पर समय की हुकूमतों की नजर न पडऩे के कारण यहां का छोटा उद्योग अब अपने आखिरी श्वास गिनने लगा है। किसी समय खेती के औजार बनाने के लिए जाना जाता मोगा का यह फोकल प्वाइंट अब आर्थिक मंदहाली, जी.एस.टी. व...
मोगा (पवन ग्रोवर): 4 दशक पहले होंद में आई मोगा की इंडस्ट्री फोकल प्वाइंट पर समय की हुकूमतों की नजर न पडऩे के कारण यहां का छोटा उद्योग अब अपने आखिरी श्वास गिनने लगा है। किसी समय खेती के औजार बनाने के लिए जाना जाता मोगा का यह फोकल प्वाइंट अब आर्थिक मंदहाली, जी.एस.टी. व नोटबंदी की पड़ी मार से ठप्प होकर रह गया है। ‘पंजाब केसरी’ की टीम की ओर से 84 एकड़ में फैले इस फोकल प्वाइंट में सेफ्टी, साफ-सफाई तथा कारोबार के और पहलुओं की जमीनी हकीकत जानने के लिए दौरा किया गया।
इस दौरान समूचे फोकल प्वाइंट के 100 से 125 यूनिटों में कहीं भी फैक्टरियों में से सामान की खरीदो-फरोख्त करने वाले ग्राहक दिखाई नहीं दिए। पंजाब स्माल स्केल इंडस्ट्री के प्रबंधों में चलता यह फोकल प्वाइंट 1977 में उस समय होंद में आया था, जब पंजाब के अब तक 5 बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल ने पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद मोगा को इंडस्ट्री का हब बनाने की पहल करते हुए 1978 में कारोबारियों को 220 प्लाटों की अलाटमैंट भी कर दी थी, लेकिन अब इसकी स्थिति खराब हो चुकी है।
सेफ्टी संबंधी चाहे अलग-अलग फैक्टरियों के मालिकों की ओर से अपने स्तर पर प्रबंध करने के मनोरथ से फैक्टरियों में आग बुझाओ यंत्र लगाए गए हैं, लेकिन आग बुझाओ यंत्रों की गिनती जरूरत मुताबिक कई स्थानों पर कम है। वैसे फैक्टरी नियमानुसार बनी इमारतों के आगे खुली सड़कें व अन्य प्रबंध तो पहले से ही मुकम्मल हैं।
कई फैक्टरियां बंद
एकत्रित ब्यौरों से पता चला है कि पंजाब सरकार की ओर से इंडस्ट्रीज को पैरों पर खड़ा करने के लिए अधिकतर सहूलियतें न दी होने के कारण मोगा के इस फोकल प्वाइंट में से प्लाई, कपड़ा, ग्लूकोस बनाने वाली फैक्टरियां या तो बाहरी राज्यों में चली गई हैं या फिर मालिकों की ओर से कारोबार के घाटे के कारण बंद कर दी गई हैं। फैक्टरी मालिकों का कहना है कि हिमाचल, जम्मू-कश्मीर की सरकारों की ओर से फैक्टरियों को उत्साह करने के लिए 10 साल टैक्सों से छूट देने के साथ-साथ बड़े स्तर पर फैक्टरियों को बिजली यूनिटें भी सस्ते रेटों पर मुहैया करवाई जा रही हैं, जबकि पंजाब में इंडस्ट्री महंगी बिजली तथा टैक्सों के बोझ से उठ नहीं रही है।
फोकल प्वाइंट के नजदीक होनी चाहिए फायर ब्रिगेड गाडिय़ों की सहूलियत : शाम सिंह राणा
मोगा के फोकल प्वाइंट में कारोबार करने वाले माधो फैक्टरी के मालिक शाम सिंह राणा का कहना था कि चाहे फैक्टरी मालिकों की ओर से सेफ्टी के प्रबंध तो किए गए हैं, लेकिन फोकल प्वाइंट के नजदीक एक फायर बिग्रेड गाड़ी की पक्की सहूलियत चाहिए। उन्होंने कहा कि मोगा जिले में जब भी कोई आग की घटना होती है तो शहर के नगर निगम दफ्तर में से फायर गाडिय़ों को घटनास्थल पर जाने के लिए ही लम्बा समय लग जाता है। उन्होंने कहा कि 10 वर्ष पहले यहां एक प्लाई फैक्टरी में आग लगने से बड़ा नुक्सान हुआ था।