Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jul, 2017 07:31 AM
सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के दरबार में कांग्रेसी विधायकों को कोई पूछ नहीं रहा है। न तो विधायकों के हलके में रुके हुए विकास कार्य शुरू हो पा रहे हैं, और न ही विधायकों की सिफारिशों पर कोई अमल किया जा रहा है।
जालंधर (रविंद्र शर्मा): सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के दरबार में कांग्रेसी विधायकों को कोई पूछ नहीं रहा है। न तो विधायकों के हलके में रुके हुए विकास कार्य शुरू हो पा रहे हैं, और न ही विधायकों की सिफारिशों पर कोई अमल किया जा रहा है। खुद की कोई पूछ न होने का दुखड़ा रविवार को विधायकों ने चंडीगढ़ में प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ को जाकर सुनाया। प्रदेश प्रधान ने उनकी बात को मुख्यमंत्री के पास गंभीरता से पहुंचाने का आश्वासन दिया। इस मीटिंग में स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी मौजूद थे।
दरअसल आने वाले नगर निगम चुनावों में पार्टी की तैयारियों को लेकर प्रदेश प्रधान ने रविवार को चंडीगढ़ में जालंधर, अमृतसर व लुधियाना के विधायकों को बुलाया था। जालंधर शहर के चारों विधायक परगट सिंह, सुशील रिंकू, राजिंद्र बेरी और बावा हैनरी इस मीटिंग में पहुंचे। सभी विधायकों ने रुके हुए विकास कार्यों को जल्द शुरू करवाने की बात कही। विधायकों का तर्क था कि अगर निगम चुनावों से पहले इन कार्यों को शुरू नहीं करवाया गया, तो पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने सभी विधायकों को विकास कार्यों का रिव्यू भेजने को कहा और साथ ही जल्द कार्य शुरू करवाने का भरोसा दिया।
प्रदेश प्रधान के पास विधायकों ने ब्यूरोक्रेसी के हावी होने की बात भी कही। विधायकों ने एकसुर में जालंधर नगर निगम के पूर्व कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा का मामला भी उठाया। उन्होंने प्रदेश प्रधान को बताया कि जिस निगम कमिश्नर के खिलाफ भ्रष्टाचार की लंबी लड़ाई कांग्रेस ने लड़ी, उसी कमिश्नर को रिवार्ड देकर पटियाला में अच्छी पोस्टिंग दे दी गई।
इसके अलावा लंबे समय से नगर निगम में तैनात अधिकारियों की पोस्टिंग बार-बार जालंधर में ही होने की बात विधायकों ने उठाई। विधायकों ने कहा कि वार्डों में रुके हुए विकास कार्यों के कारण उनकी छवि खराब होती जा रही है। विधानसभा चुनावों में उन पर दिखाया जनता का विश्वास भी टूटने लगा है।
चुनावों के लिए सशक्त महिलाओं की तलाश करेंगे विधायक
सरकार की तरफ से नगर निगम चुनावों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण करने का मुद्दा भी इस मीटिंग में उठा, जिसको लेकर प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने सभी विधायकों की अपने-अपने हलके में सशक्त महिला उम्मीदवारों की लिस्ट अभी से तैयार करने की ड्यूटी लगाई।
साथ ही यह भी हिदायत दी कि पार्षदों की पत्नियों को ज्यादा तरजीह देने की बजाए पार्टी के लिए काम करने और जनता की आवाज बनने वाली महिलाओं को आगे किया जाए। इसके अलावा प्रदेश प्रधान ने नगर निगम चुनावों से पहले आटा-दाल स्कीम को घर-घर पहुंचाने और पैंशन स्कीम को जनता तक हर हाल में पहुंचाने की हिदायत भी दी, ताकि नगर निगम चुनावों का किला फतह किया।