Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jun, 2017 01:17 PM
ईराक में रोजी-रोटी की खातिर गए 39 भारतीय युवकों को ईराक के आतंकी संगठन आई.एस.आई.एस. द्वारा 15 जून 2015 को बंदी बनाया गया था।
गढ़शंकर(बैजनाथ): ईराक में रोजी-रोटी की खातिर गए 39 भारतीय युवकों को ईराक के आतंकी संगठन आई.एस.आई.एस. द्वारा 15 जून 2015 को बंदी बनाया गया था। उनका आज तक कोई सुराग नहीं मिला। पिछले दिनों समाचार पत्रों में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा इन भारतीय युवकों के जिंदा होने के बयान से उनके परिजनों को आशा की नई किरण दिखाई दे रही है।
इन भारतीय युवकों में एक तहसील गढ़शंकर के गांव जैतपुर के गुरदीप सिंह पुत्र मुख्त्यार सिंह की पत्नी अनीता रानी ने रविवार को आल इंडिया मानवाधिकार संगठन के प्रदेश महासचिव नरिंद्र पम्मा से भेंट कर मदद की गुहार लगाई है व गुरदीप सिंह की सकुशल वापसी की मांग की है। अनीता रानी ने बताया कि उसके नन्हे बच्चे अक्सर सवाल करते हैं कि पापा कब आएंगे। समूचा परिवार पिछले 3 वर्षों से सदमे में दिन गुजार रहा है व घर का गुजारा भी मुश्किल हो गया है।
नरिंद्र पम्मा ने अनीता रानी को विश्वास दिलाया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पहले ही इस मामले को ईराक सरकार के समक्ष कई बार उठा चुकी है व वह भी अपने संगठन की तरफ से विदेश मंत्री को मिलकर मदद की मांग करेंगे। इस अवसर पर अनीता रानी के साथ उसके दोनों नन्हे बच्चे बेटी अंकिता (6) तथा बेटा अर्शप्रीत (4) भी साथ थे।