ठेके वाले ए.टी.पी. ने जोन सी में कर दिया लाखों का घोटाला

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jul, 2017 10:51 AM

millions of scams

नगर निगम द्वारा ठेके पर ए.टी.पी. रखने को लेकर पहले ही दिन से सवाल खड़े हो रहे हैं तथा ऐसे ही एक अफसर ने जोन सी में लाखों का घोटाला कर दिया है।

लुधियाना (हितेश): नगर निगम द्वारा ठेके पर ए.टी.पी. रखने को लेकर पहले ही दिन से सवाल खड़े हो रहे हैं तथा ऐसे ही एक अफसर ने जोन सी में लाखों का घोटाला कर दिया है। जिसे गलत एन.ओ.सी. देने के आरोप में नौकरी से निकालने सहित विजीलैंस कार्रवाई करने का फैसला लिया गया है।

जानकारी के मुताबिक उक्त ए.टी.पी. ने ढंडारी इलाके में करीब 9 एकड़ जगह पर बन रही फैक्टरी को आऊट आफ लिमिट होने का सर्टीफिकेट दे दिया गया है। जिससे उसके द्वारा जमा करवाए जाने वाले करीब 50 लाख के डिवैल्पमैंट चार्जिस बच जाएंगे। हालांकि इंडस्ट्री को चेंज आफ लैंड यूज चार्जिस माफ हैं। लेकिन फैक्टरी में जितना कवरेज एरिया होगा, उसके हिसाब से बिल्डिंग फीस तो वसूली जानी है। जिससे निगम को चूना लगने बारे सूचना मिलने पर आला अफसरों ने पहले सारा रिकार्ड चैक किया। इसमें फैक्टरी की जगह निगम सीमा के भीतर पाई गई। उसके आधार पर एन.ओ.सी. रद्द कर दिया गया है जबकि आला अधिकारियों को भेजी रिपोर्ट में ठेके पर काम कर रहे ए.टी.पी. को ड्यूटी से फारिग करने सहित विजीलैंस कार्रवाई करवाने की सिफारिश कर दी गई है।

एरिया इंस्पैक्टर द्वारा डाले चालान से खुली पोल 
इस मामले की पोल एरिया इंस्पैक्टर द्वारा फैक्टरी में बिना मंजूरी निर्माण होने के आरोप में डाले गए चालान से खुली है। जिसने बनती फीस की एवज में फैक्टरी मालिक से पहले 5 लाख का चैक लिया हुआ था। उसके बाद बनती बाकी की फीस वसूली के जब फैक्टरी मालिक से सम्पर्क किया गया तो उसने एरिया आऊट ऑफ लिमिट होने का सर्टीफिकेट थमा दिया। 

दूसरे एरिया की रिपोर्ट करने वाले ड्राफ्टमैन पर भी गिरेगी गाज
इस मामले में धांधली को अंजाम देने के लिए दूसरे एरिया के ड्राफ्टमैन की मदद ली गई। जिसने अपना इलाका न होने के बावजूद आऊट ऑफ लिमिट की रिपोर्ट की हुई है। जिसके आधार पर ही एन.ओ.सी. जारी किया गया। उस ड्राफ्टमैन पर भी गाज गिरने जा रही है।

बाकी फाइलों की भी होगी जांच
जोन सी से जुड़ा मामला सामने आने पर बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारी काफी हैरान है। उन्होंने उक्त ए.टी.पी. के रहते क्लीयर हुई बाकी फाइलों की भी जांच करवाने का फैसला किया है। इसमें गलत ढंग से मंजूर देने से निगम के राजस्व को नुक्सान हो सकता है। 

पहले भी सामने आ चुके हैं मामले 
निगम द्वारा अवैध निर्माणों, अतिक्रमणों पर कार्रवाई, नक्शे पास-कम्पाऊंङ्क्षडग, कोर्ट केस व आर.टी.आई. से जुड़े मामलों के बोझ के मुकाबले बिल्डिंग ब्रांच में स्टाफ की कमी रोना काफी समय से रोया जा रहा है। लेकिन सरकार से अतिरिक्त मुलाजिम तो क्या मिलने थे, मंजूर पोस्टें भी काफी समय से खाली पड़ी हैं। इसका हवाला देते हुए निगम ने ठेके पर ए.टी.पी. रखने का फार्मूला अपनाया। जिनसे बाकी स्टाफ ने जमकर गलत ढंग से काम करवाए और उसकी आड़ में भ्रष्टाचार भी जोरों पर हुआ। यहां तक कि जोन सी में ही पहले तैनात रहे एक ए.टी.पी. द्वारा अवैध निर्माण पर कार्रवाई न करने के बदले रिश्वत मांगने की रिकाॄडग तक सामने आ गई। जिस पर कार्रवाई की जगह ठेके पर होने की बात कहकर सिर्फ उसे नौकरी से हटा दिया गया। 
 

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