Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Dec, 2017 11:26 AM
पंजाब सरकार के राज में फंडों के अभाव के चलते सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील पर फिर से संकट के बादल छा गए हैं। हालात ये बन चुके हैं कि मिड-डे मील का अकाऊंट माइनस में जाने के चलते कई स्कूलों को फिलहाल इसे बंद करना पड़ रहा है। लुधियाना के जमालपुर फेज-1...
लुधियाना(विक्की): पंजाब सरकार के राज में फंडों के अभाव के चलते सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील पर फिर से संकट के बादल छा गए हैं। हालात ये बन चुके हैं कि मिड-डे मील का अकाऊंट माइनस में जाने के चलते कई स्कूलों को फिलहाल इसे बंद करना पड़ रहा है। लुधियाना के जमालपुर फेज-1 में बने सरकारी प्राइमरी स्कूल सुखदेव नगर ने भी अकाऊंट 43,000 रुपए तक माइनस में जाने के चलते बुधवार को मिड-डे मील बंद कर दिया। स्कूल में कक्षा 1 से 5 तक के 409 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं, जिनकी खाने वाली थालियां आज सरकार की नालायकी के चलते खाली रहीं। ताज्जुब की बात तो यह है कि स्कूल में मिड-डे मील बनाने का राशन तक भी खत्म हो चुका है। इस संबंधी सूचना स्कूल की ओर से महीने की अंतिम तारीख को भेजे जाने वाली रिपोर्ट में विभाग को भेज दी गई थी लेकिन राशन पूरा करने के लिए कोई पहलकदमी नहीं की गई।
जवद्दी स्कूल में भी बंद हुआ था मिड-डे मील
स्कूलों में मिड-डे मील के फंड पिछले 2 महीने से माइनस में चल रहे हैं, जिसके चलते पिछले महीने भी जवद्दी स्कूल ने 800 के करीब ब"ाों का मिड-डे मील बंद कर दिया था, क्योंकि स्कूल का अकाऊंट 1 लाख रुपए तक माइनस में पहुंच गया था। हालांकि सरकार ने पिछले महीने 20 दिनों के फंड मिड-डे मील के लिए जारी कर दिए थे जिसके बाद स्कूल ने पुन: इसे शुरू किया लेकिन सरकार से आया यह फंड पर्याप्त नहीं था।
अध्यापकों की जेबें हुईं खाली
बात अगर सुखदेव नगर के प्राइमरी स्कूल की करें तो यहां भी अध्यापकों ने अपनी जेब से पैसे खर्च करके मिड-डे मील चलाने के पूरे प्रयास जारी रखे लेकिन राशन खत्म होने से यहां स्थिति गंभीर हो गई। पिछले महीने भी 6 से लेकर 17 नवम्बर तक स्कूल का मिड-डे मील बंद रहा था। उस समय भी माइनस अकाऊंट 60 हजार तक पहुंच गया था लेकिन 20 दिनों के फंड के रूप में 27 हजार रुपए आने के बाद स्कूल ने फिर से ब"ाों के लिए मिड-डे मील शुरू कर दिया।
दूध, लकड़ी व सब्जियों का उधार बढ़ा
उक्त स्कूल के हैड टीचर सुखधीर सिंह सेखों ने बताया कि गेहूं व चावल खत्म होने के अलावा दूध, लकड़ी, सब्जियों की भी उधारी काफी हो गई थी। ऊपर से अभी तक अध्यापकों की सैलरी भी नहीं आई, जिसके चलते अध्यापकों ने भी मिड-डे मील चलाने में जेब से पैसे खर्च करने के लिए असमर्थता जताई। उन्होंने बताया कि आज से मिड-डे मील बंद करने संबंधी सूचना ब्लॉक प्राइमरी एजुकेशन अफसर को भेज दी गई है।
प्री-प्राइमरी कक्षा के छात्रों को भी दे रहे खाना
इस स्कूल की खास बात यह है कि यहां पढऩे वाले प्री-प्राइमरी कक्षाओं के 24 विद्याॢथयों को भी स्कूल की ओर से मिड-डे मील दिया जा रहा है। स्कूल के मुताबिक सुबह 9.&0 बजे स्कूल आने के बाद दोपहर आधी छुट्टी के समय प्री-प्राइमरी कक्षाओं के ब"ो भी भूखे होते हैं, इसलिए उन्हें भी खाना खिला दिया जाता है।
300 किलो आलुओं के चुकाए पैसे
ताजुब की बात तो यह है कि विभाग ने मई महीने में स्कूल में &00 किलो आलू भिजवा दिए, जिसमें से अधिकतर आलू कुछ समय बाद ही खराब होने लगे। अब विभाग की ओर से इन आलुओं के दाम भी अदा करने के लिए स्कूलों को कहा गया था, जिसमें से पिछले महीने आए मिड-डे मील के 20 दिनों के फंड में से आलुओं की राशि भी स्कूल द्वारा अदा की गई।