Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Nov, 2017 03:09 PM
बिना फंड जारी किए ही सरकारी प्राइमरी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू करवाने वाली पंजाब सरकार स्टूडैंट्स के प्रति कितनी गंभीर है, इस बात का अंदाजा राज्य के स्कूलों को मिड-डे मील के लिए दिए जाते फंडों के लिए करवाए जा रहे इंतजार से लगाया जा सकता...
लुधियाना (विक्की): बिना फंड जारी किए ही सरकारी प्राइमरी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू करवाने वाली पंजाब सरकार स्टूडैंट्स के प्रति कितनी गंभीर है, इस बात का अंदाजा राज्य के स्कूलों को मिड-डे मील के लिए दिए जाते फंडों के लिए करवाए जा रहे इंतजार से लगाया जा सकता है। मौजूदा समय में हालात यह हैं कि सरकार की ओर से फंड जारी न किए जाने के चलते स्कूलों का अकाऊंट पिछले अढ़ाई महीने से माइनस में चल रहा है। जिन स्कूलों में स्टूडैंट्स की गिनती काफी अधिक है, वहां तो यह योजना फंड न होने के चलते बंद होने लगी है। लुधियाना के ही सरकारी प्राइमरी स्कूल जवद्दी में पिछले करीब 1 सप्ताह से बच्चों को मिड-डे मील नहीं बना है, क्योंकि सरकार की ओर से पिछले अढ़ाई माह से पैसे न भेजे जाने के चलते अध्यापक अपनी जेब से ही इस योजना को चला रहे थे। हालात यहां तक पहुंच गए कि स्कूल का अकाऊंट करीब 90 हजार रुपए माइनस में चला गया। यही नहीं राशन और दूध वाले भी लंबे समय तक उधार देने से कतराने लगे। ऐसे में स्कूल ने विभाग को अपनी स्थिति बयां करते हुए 8 नवम्बर से मिड-डे मील देना बंद कर दिया।
फंड मिलने पर ही शुरू हो पाएगा मिड-डे मील
यह स्कूल 2 शिफ्टों में चल रहा है, जिसमें कुल 869 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इनमें 453 लड़के और 416 लड़कियां शामिल हैं। स्कूल की हैड टीचर परमिंद्र कौर ने बताया कि अध्यापकों ने काफी समय तक अपनी जेब से पैसे खर्च करके बच्चों के लिए मिड-डे मील चलाया लेकिन अध्यापकों के हाथ खड़े होने पर इसे बंद करना पड़ा। अब जब सरकार
इसके लिए फंड भेजेगी, तभी दोबारा से मिड-डे मील शुरू किया जाएगा।
अध्यापक जेब से खर्च कर लाते हैं सब्जियां
विभिन्न ब्लॉकों में कई स्कूल तो ऐसे हैं, जहां अध्यापकों ने रोजाना सब्जी खरीदकर लाने की रूटीन बनाई हुई है, जिसके चलते प्रतिदिन हरेक अध्यापक स्कूल आते समय मैन्यू के अनुसार सब्जियां खरीदकर लाता है। अध्यापकों का कहना है कि सरकार को अगर यह योजना नियमित रखनी है तो स्कूलों को इसके लिए फंड एडवांस में ही जारी करना चाहिए, क्योंकि सरकार द्वारा फंड जारी न किए जाने से जहां अध्यापकों की जेब पर बोझ पड़ रहा है, वहीं कई बार अध्यापकों के पास भी पैसे न होने की सूरत में उक्त स्कीम के बंद होने के चलते बच्चों को मिड-डे मील नहीं मिलेगा।
सभी स्कूलों का मिड-डे मील अकाऊंट माइनस में
वहीं इसके अलावा लुधियाना के सभी प्राइमरी एवं मिडल स्कूलों में उक्त योजना के लिए फंड न आने पर सभी स्कूलों के अध्यापकों की जेब पर इसका बोझ पड़ा हुआ है। सभी स्कूलों का मिड-डे मील अकाऊंट 3,000 रुपए से लेकर 10,000 रुपए के करीब तक माइनस में चल रहा है। लेकिन विभागीय आदेशों के चलते स्कूल इसे बंद भी नहीं कर पा रहे हैं। अध्यापकों के मुताबिक राशन और दूध तो उधार आ रहा है लेकिन सब्जियां उन्हें अपनी जेब से पैसा खर्च करके खरीदनी पड़ रही हैं।