शिक्षा विभाग की मिड-डे-मील SMS योजना को झटका

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Nov, 2017 03:55 PM

mid day meal

सरकारी स्कूलों में संचालित विभिन्न योजनाओं को सफलतापूर्वक चलाने के उद्देश्य को लेकर शिक्षा विभाग पंजाब निरंतर नई-नई योजनाएं बनाता और लागू करता रहता है। अब इसी कड़ी  के तहत विभाग ने मिड-डे-मील को सुचारू व पारदर्शी बनाने हेतु एस.एम.एस. योजना लागू की...

बठिंडा (परमिंद्र): सरकारी स्कूलों में संचालित विभिन्न योजनाओं को सफलतापूर्वक चलाने के उद्देश्य को लेकर शिक्षा विभाग पंजाब निरंतर नई-नई योजनाएं बनाता और लागू करता रहता है। अब इसी कड़ी  के तहत विभाग ने मिड-डे-मील को सुचारू व पारदर्शी बनाने हेतु एस.एम.एस. योजना लागू की थी, जिसके तहत स्कूल मुखियों को रोजाना मिड-डे-मील संबंधी विवरण संदेश विभाग के विशेष नंबर पर भेजने थे, परन्तु स्कूल मुखियों की लापरवाही के चलते शिक्षा विभाग की मिड-डे-मील एस.एम.एस.योजना को झटका पहुंच रहा है। जिले के 194 सरकारी स्कूल विवरण संदेश न भेजने के चलते विभाग की डिफाल्टर लिस्ट में आ गए हैं, जिन्हें विभाग ने कड़ी चेतावनी देते हुए योजना का पालन करने के निर्देश दिए हैं। यही नहीं, भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी कड़ा संज्ञान लिया है।  

मिड-डे-मील में गड़बड़ी रोकने को बनाई योजना 
शिक्षा विभाग पंजाब द्वारा मिड-डे-मील में गड़बड़ी रोकने हेतु उक्त एस.एम.एस. योजना बनाई गई है। इसके तहत प्रत्येक स्कूल से स्कूल मुखी या फिर मिड-डे-मील इंचार्ज अथवा सहायक अध्यापक को रोजाना विभाग के विशेष नंबर पर एस.एम.एस. करके स्कूल में हाजिर विद्याॢथयों की संख्या, मिड-डे-मील में बनी सामग्री संबंधी जानकारी देनी थी। विभागीय अधिकारियों की मानें तो यह योजना मिड-डे-मील में होने वाली गड़बड़ी पर नकेल कसने हेतु बनाई गई थी। पहले जहां विभाग द्वारा स्कूल में पढ़ते कुल बच्चों के हिसाब से मिड-डे-मील का खर्च दिया जाता था, वहीं रोजाना एस.एम.एस. पर स्कूल में हाजिर बच्चों की संख्या दर्ज होने कारण उसी हिसाब से विभाग स्कूल को मिड-डे-मील का फंड अदा करना था। गौर हो कि रोजाना स्कूल से कई विद्यार्थी अनुपस्थित रहते हैं परन्तु इसके बावजूद विभागको तमाम विद्यार्थियों का बनता मिड-डे-मील फंड देना पड़ता था। 

बार-बार निर्देशों के बावजूद अमल नहीं :
उक्त योजना के तहत शुरू से ही विभाग स्कूल मुखियों को जरूरी निर्देश देते आ रहा है परन्तु इसके बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हो पाया है। अब एक बार फिर 194 स्कूल विभाग की डिफाल्टर लिस्ट में शामिल हो गए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी (सैकेंडरी) मङ्क्षनद्र कौर का कहना है कि उच्च विभाग के आदेशानुसार सभी स्कूलों को चेतावनी दे दी गई है। 

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