Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Aug, 2017 04:16 PM
एक ओर राज्य में स्वाइन फ्लू का कहर बढ़ता जा रहा है वहीं दूसरी ओर सेहत विभाग भी मरीजों की मुश्किलें बढ़ा रहा। कई जिलों में स्वाइन फ्लू की
लुधियाना (सहगल): एक ओर राज्य में स्वाइन फ्लू का कहर बढ़ता जा रहा है वहीं दूसरी ओर सेहत विभाग भी मरीजों की मुश्किलें बढ़ा रहा। कई जिलों में स्वाइन फ्लू की दवा एक्सपायर होने पर भी मरीजों को दी जा रही है। इनमें काफी संख्या फ्लूवीर सीरप की है जिसकी अवधि अगस्त 2017
को खत्म हो चुकी है परन्तु ये दवा मरीजों को देना जारी है।
माहिरों का कहना है कि आखिरी महीने में एक्सपायर होने वाली दवा का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए परन्तु कथित तौर पर एक प्रोग्राम अफसर की देखरेख में एक्सपायर होने वाली दवा को धड़ल्ले से बांटा जा रहा है। उदाहरण के तौर पर भटिंडा में स्वाइन फ्लू में दिए जाने वाले 75 एम.एल. के फ्लूवीर सीरप की 40 शीशी स्टॉक में है जो 8 फरवरी 2017 को एक्सपायर हो गई थी। इन्हें भी मरीजों में बांटा जाता रहा है और अब स्टॉक में 7 सीरप बाकी बचे हैं। लुधियाना में फ्लूवीर के 36, होशियारपुर में 83, जालंधर में 11, पटियाला में 15, नवांशहर में 33, संगरूर में 2 सीरप एक्सपायर हो चुके हैं। मोगा के एक्सपायर स्टाक क्लीयर हो चुका बताया जाता है।
इसी तरह पर्सनल प्रोटैक्शन किट जिसे पहन कर डाक्टर व स्टाफ मरीज का उपचार करता है, मोगा में ऐसी 25 किटें एक्सपायर हो चुकी हैं। यही नहीं वायरल एज्टिग मीडियम बारल (वी.टी.एम.) की मोहाली में पड़ी 53 बारल एक्सपायर हो चुकी है। इन 52 बारल का इस्तेमाल मरीज के सैम्पल लेने के लिए किया जाता है। इस सारे प्रोग्राम की देख-देख करने वाले चंडीगढ़ के प्रोग्राम अफसर डा. गगनदीप सिंह ग्रोवर से जब सम्पर्क किया गया तो वह टिप्पणी करने के लिए उपलब्ध नहीं हुए।