Edited By Updated: 31 Oct, 2016 02:57 PM
गणित विषय को लेकर विद्यार्थियों में हमेशा डर बना रहता है। गणित के फार्मूले याद रखना विद्यार्थियों के लिए हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन यह सच नहीं है। गणित कठिन नहीं, बल्कि रोचक है।
अमृतसरः गणित विषय को लेकर विद्यार्थियों में हमेशा डर बना रहता है। गणित के फार्मूले याद रखना विद्यार्थियों के लिए हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन यह सच नहीं है। गणित कठिन नहीं, बल्कि रोचक है। खेल-खेल में ही विद्यार्थी गणित को समझ सकता है। ऐसा मानना है गणित की अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ व गुरु नानक देव विश्वविद्यालय की गणित विभाग की प्रमुख डॉ. पैमी मनचंदा का।
डॉ. पैमी हाल ही में टर्की विश्वविद्यालय में इमेज प्रोसेसिंग वेव लेट्स व एप्लीकेशन पर अपने शोध पत्र पढ़कर लौटी हैं। डॉ. पैमी की हमेशा यही कोशिश रही है कि विद्यार्थी गणित कठोर नहीं, बल्कि रोचक विषय के रूप में लें। यह तभी संभव है अगर स्कूल स्तर पर गणित अध्यापक विषय को रोचक ढंग से पढ़ाएं।
डॉ. पैमी कहती हैं कि व्यक्ति का हर पल गणित पर आधारित है। गणित के फार्मूले व्यक्ति के खानपान से लेकर पहनने, घूमने चलने, फिरने, वाहन चलाने आदि पर लागू होते हैं तो फिर गणित विषय कठिन कैसे हो सकता है। असल में गणित अध्यापक गणित को जीवन में चल रही घटनाओं को उदाहरण बनाकर नहीं पढ़ाते, जिससे विद्यार्थियों को गणित समझ नहीं लगती।
डॉ. पैमी कहती हैं कि गणित की हर समस्या को जीवन के उदाहरण लेकर हल करना चाहिए। गणित के सवाल कभी भी याद नहीं करने चाहिएं। गणित में हर प्रश्न खुद हल करना चाहिए। उन्होंने बताया कि यदि छात्र का कोई दोस्त उससे गणित के प्रश्न हल करने में मदद मांगता है, तो पीछे नहीं हटना चाहिए। बल्कि प्रश्न हल करने में मदद करनी चाहिए। ऐसे में छात्र को अभ्यास का अधिक समय मिलता है। गणित का रोजाना अभ्यास करना चाहिए।