Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jun, 2017 08:25 AM
नगर में बनी प्राचीन काली मस्जिद की स्थिति दयनीय होने की वजह से वह आसपास रहने वाले लोगों के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है। स्थानीय प्रशासन का ध्यान इस ओर ले जाने के लिए आम लोगों ने कई बार फरियादें कीं लेकिन कहीं भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही।
गढ़शंकर(शोरी): नगर में बनी प्राचीन काली मस्जिद की स्थिति दयनीय होने की वजह से वह आसपास रहने वाले लोगों के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है। स्थानीय प्रशासन का ध्यान इस ओर ले जाने के लिए आम लोगों ने कई बार फरियादें कीं लेकिन कहीं भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही।
हल्ला निवासी शाम लाल वर्ष 2010 में नगर कौंसिल गढ़शंकर के ध्यान में यह मामला लिखित रूप से ले कर आए। अब तक लोग इस मामले संबंधी दर्जनों पत्र निरंतर उक्त विभाग व वक्फ बोर्ड को लिख चुके हैं परन्तु पिछले 7 साल से इस मस्जिद की दिन-ब-दिन बिगड़ती हालत को सुधारने के लिए एक पैसे का भी काम नहीं हुआ। पल्ला झाड़कर ही काम चलाया जा रहा है। मोहल्ला निवासियों का कहना है कि इस मस्जिद की दीवारें किसी समय भी गिर सकती हैं जिससे आसपास रहते या गुजरते लोगों की जान भी जा सकती है।
अप्रिय घटना हुई तो वक्फ बोर्ड होगा जिम्मेदार : नगर कौंसिल
नगर कौंसिल गढ़शंकर के उच्चाधिकारियों से सम्पर्क करने पर उनका कहना है कि नगर कौंसिल द्वारा काली मस्जिद की बुरी हालत संबंधी मिल रही शिकायतों पर कार्रवाई करने बारे पंजाब वक्फ बोर्ड को समय-समय पर जारी पत्रों द्वारा बताया गया है कि दीवारों की हालत बहुत खस्ता हो चुकी है जो पहले ही कई स्थानों से गिर चुकी हैं। जो बची हुई दीवारें हैं वे भी किसी भी समय गिर कर किसी का भी जानी-माली नुक्सान कर सकती हैं। इस मस्जिद के चारों ओर व बीच में कई प्रकार के वृक्ष खड़े हैं, जिनकी वजह से इस मस्जिद को नुक्सान हुआ है।
इसको ध्यान में रखते हुए वक्फ बोर्ड द्वारा शीघ्र इस मस्जिद की सफाई व मुरम्मत करवाई जाए ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके। अगर कोई अप्रिय घटना घटती है तो वक्फ बोर्ड इसके लिए जिम्मेदार होगा।इस मामले संबंधी पंजाब वक्फ बोर्ड के होशियारपुर से एग्जीक्यूटिव ऑफिसर महमूद अली से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि उन्होंने इस मामले संबंधी चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (सी.ई.ओ.) चंडीगढ़ को लिखित रूप से सारी जानकारी भेजी हुई है। उन्होंने बताया कि मस्जिद के भीतर पीपल का वृक्ष काफी विशाल हो चुका है, जिसको काटना पड़ेगा।
इसके पश्चात सफाई व दीवारों की मुरम्मत होगी। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ से मंजूरी मिलने के पश्चात ही सभी मामलों का समाधान हो सकेगा। 7 वर्ष से लटक रहे मामले पर कोई कार्रवाई न होती देख लोगों के जेहन मेें रह-रह कर सवाल उठ रहा है कि आखिर कब होगी कार्रवाई? कब होगी सफाई व कब होगा नवीनीकरण? अधिकतर लोग तो अब कार्रवाई होने की आस ही छोड़ चुके हैं।