Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Dec, 2017 03:10 PM
विवाह-शादियों के पीक सीजन और कम हुई पैदावार के चलते सब्जियों की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। प्याज और टमाटर की कीमतों में बड़ा उछाल आया है। आलम यह है कि जो सब्जियां कुछ समय पहले तक 5-7 रुपए किलो के हिसाब से बिक रही थीं, वे अब मंडियों में 12 से 15 रुपए...
लुधियाना (खुराना): विवाह-शादियों के पीक सीजन और कम हुई पैदावार के चलते सब्जियों की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। प्याज और टमाटर की कीमतों में बड़ा उछाल आया है। आलम यह है कि जो सब्जियां कुछ समय पहले तक 5-7 रुपए किलो के हिसाब से बिक रही थीं, वे अब मंडियों में 12 से 15 रुपए किलो के हिसाब से खरीदनी पड़ रही हैं।वहीं गली-मोहल्लों में पहुंचने वाली सब्जियों की कीमत में मंडी के मुकाबले जमीन-आसमान का अंतर पाया जा रहा है।
सब्जियों की कीमतों के कारण घरों का बजट बिगड़ा
गृहिणी नीरजा ने कहा कि सब्जियों की बढ़ती कीमतों ने रसोई घरों का बजट तहस-नहस करके रख दिया है। अधिकतर सब्जियां महंगी होने के कारण गली-मोहल्लों में बिकने के लिए नहीं आ रही हैं। ऐसे में सब्जियां लेने के लिए कई मील का सफर तय करके सब्जी मंडियों में जाना पड़ रहा है। ऐसे में जहां लोगों को कई तरह की परेशानियों पेश आ रही हैं, वहीं घरों का बजट भी बिगड़ गया है।
मंडी में सब्जियों की डिमांड पैदावार से कहीं अधिक
सब्जियों के थोक विक्रेता गुरप्रीत सिंह गोल्डी ने कहा कि मंडी में सब्जियों की डिमांड पैदावार से कहीं अधिक बनी हुई है, जिसके चलते सब्जियों की कीमतें एकाएक आसमान छूने लगी हैं। वहीं सब्जियों की मांग बढऩे का मुख्य कारण मौजूदा समय में विवाह-शादियों का पीक सीजन कहा जा सकता है। ऐसे में लोगों पर दोहरी मार पड़ रही है। जो टमाटर का क्रेट पहले 400-500 रुपए में मिल रहा था, वही अब 1100-1200 रुपए में बिकने लगा है। माना जा रहा है कि दिसम्बर के मध्य तक सब्जियों की कीमतें गिरनी शुरू हो जाएंगी, क्योंकि उस समय विवाह-शादियों का पीक सीजन कुछ हद तक थम जाएगा।