Edited By Updated: 06 Dec, 2016 05:13 PM
एक ओर मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी की गई है तो दूसरी ओर पंजाब की राज नहीं सेवा का नारा देकर चलने वाली भाजपा-अकाली गठबंधन सरकार ने मैरिज पैलेस मालिकों पर सी.एल.यू. (चेंज इन लैंड यूज) की नीति लागू की है। सूत्रों के अनुसार जो तय तिथि तक सी.एल.यू. नहीं अदा...
फगवाड़ा(जलोटा): एक ओर मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी की गई है तो दूसरी ओर पंजाब की राज नहीं सेवा का नारा देकर चलने वाली भाजपा-अकाली गठबंधन सरकार ने मैरिज पैलेस मालिकों पर सी.एल.यू. (चेंज इन लैंड यूज) की नीति लागू की है। सूत्रों के अनुसार जो तय तिथि तक सी.एल.यू. नहीं अदा करता है तो उसका पैलेस कभी भी सरकारी तौर पर सील किया जा सकता है। इसके कारण फगवाड़ा के कुछ मैरिज पैलेस मालिकों को बेहद हैरान-परेशान पाया गया।
उक्त मैरिज पैलेस मालिकों को सी.एल.यू. के तहत पंजाब सरकार को लाखों रुपए अदा करने हैं। इसके कारण पैलेस मालिक बैंकों में लाखों रुपए के ड्राफ्ट बनाने हेतु जूझते देखे गए। ऑन-रिकार्ड इस मामले को लेकर ज्यादातर पैलेस मालिकों ने कुछ भी कहने से परहेज किया और अपनी कारोबारी मजबूरियों के कारण सब कुछ ठीक-ठाक होने का ही दावा किया लेकिन ऑफ दि रिकार्ड स्वीकारा कि नोटबंदी के बाद मंदी की मार झेल रही उनकी इंडस्ट्री में एक ही झटके में लाखों रुपए की रकम बतौर सी.एल.यू. अदा करना बेहद कठिन कार्य है। फगवाड़ा मैरिज पैलेस एसो. के प्रधान राकेश चावला (कोनिका) ने कहा कि नोटबंदी के बाद मैरिज पैलेस इंडस्ट्री बेहद कठिन दौर से गुजर रही है। लोग एक के बाद एक मार्कीट में छाए हुए आर्थिक संकट के कारण या तो समारोह का स्तर छोटा करवा रहे हैं या फंक्शन ही कैंसिल करवा रहे हैं। कारोबार 25 प्रतिशत भी नहीं रह गया है। इन हालात में एक ही झटके में लाखों रुपए की रकम बतौर सी.एल.यू. अदा करना बहुत कठिन है। पंजाब सरकार को पैलेस मालिकों के हितो बारे सोचना चाहिए था। बेहतर होता यदि उक्त सी.एल.यू. सभी को माफ कर सरकार पैलेस मालिकों का कठिन हालात में साथ दे देती।