Edited By Updated: 06 Dec, 2016 11:45 AM
नोटबंदी ने कई उद्योगों की कमर तोड़ दी है। नोटबंदी को लागू करने से पहले सरकार की ओर से पूरा होमवर्क न करने पर हर कारोबारी
जालंधर छावनी(कमलेश): नोटबंदी ने कई उद्योगों की कमर तोड़ दी है। नोटबंदी को लागू करने से पहले सरकार की ओर से पूरा होमवर्क न करने पर हर कारोबारी इस समय सरकार को कोस रहा है। आम आदमी बैंकों की कतारों में लगा हुआ है। धीरे-धीरे बैंक भी ड्राई होते जा रहे हैं। इसका असर विवाह समारोह के लिए नोटों के हार बनाने वालों पर भी पड़ा है।
एक अन्य हार विके्रता जीवन ने बताया कि नोटबंदी के पश्चात कई-कई दिन तो उनकी बोनी भी नहीं होती। नोटबंदी के कारण कोई लोगों ने विवाह की तिथियां भी आगे कर दी हैं। इस तरह वे अपनी दुकानों पर खाली बैठे रहने को मजबूर हो गए हैं। अभी तक बाजार में 2000 रुपए के नोटों के हार की डिमांड भी नहीं आई है।
एक अन्य हार विक्रेता राजेश ने बताया कि उन्हें हार बनाने के लिए नोट लेने के लिए कमिशन देना पड़ता है। अब छोटे नोटों के हार बनाने की वजह से उनका माॢजन बहुत कम हो गया है और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वे कमिशन की मार कैसे झेलें?
इस संबंध में जब पंजाब केसरी ने हार विक्रेता सेठी से बात की तो उसने बताया कि नोटबंदी के कारण वह आजीविका कमाने को भी तरस गए हैं। पहले उन्हें एक हार के पीछे 100-150 रुपए बच जाते थे। अब उन्हें सिर्फ 20-30 रुपए से ही संतोष करना पड़ता है।