Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Dec, 2017 04:12 PM
खुद आर्थिक तंगी में पढ़कर अन्य गावों में जाकर स्कूल टाइम के बाद गरीब बच्चों को पढ़ाकर शिक्षा की रोशनी का दीप जला रही हैं
मानसाः खुद आर्थिक तंगी में पढ़कर अन्य गावों में जाकर स्कूल टाइम के बाद गरीब बच्चों को पढ़ाकर शिक्षा की रोशनी का दीप जला रही हैं मानसा की तीन लड़कियां। तीनों लड़कियां जिले के विभिन्न ब्लॉकों के 17 गावों में जाकर विगत चार माह से 550 गरीब बच्चों को शिक्षा दे रही हैं। बिना किसी सरकारी मदद के लड़कियों द्वारा उठाया ये कदम इलाके में मिसाल बन गया है।
मनजीत कौर डेलूयाणा बीए, सुखबीर कौर नंगल कला आर्ट एंड क्राफ्ट व सीता रानी बीए पास है। तीनों जिले के विभिन्न गावों में रहती हैं। इन्होंने गांवों में अपने ब्लॉक बांटे हुए हैं। इन गावों में वह सप्ताह में दो दिन बच्चों को पढ़ाने जाती हैं। इनका कहना है गरीब बच्चे हमेशा दसवीं कक्षा तक ही पढ़ते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि उनके घरों में आर्थिक तंगी के चलते वह आगे जाकर पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं। लेकिन उनका मकसद है वह ऐसे सभी गरीब बच्चों के मन में पढ़ाई की ऐसी ललक जगा दें कि पढ़ाई से अलग न हो सके। तीनों लड़कियां जिले के 17 गांव डेलूयाणा, जवाहरके, बरनाला, मूसा, बरेह, नंगल खुर्द, नंगल कलां, फुलूवाला डोगरा, हसनपुर, अहमदपुर, सतीके, कुलाणा, अचानक, सिरसीवाला, रंगढियाल और सैदेवाला में पढ़ाने जाती हैं। इनके पास पहली से पांचवीं तक के 550 बच्चे हैं।
बच्चों को पढ़ाने के लिए परिजनों को भी कर रही हैं जागरूक
धर्मशाला में पढ़ा रही सुखबीर कौर ने बताया कि उनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के चलते उसने बड़ी मुश्किल से बारहवीं के बाद आर्ट एंड क्राफ्ट का कोर्स किया है। उन्होंने कहा कि हमारे समाज के छोटे बच्चे ही पढ़ाई से दूर हो जाते हैं क्योंकि उनके घर की हालत दयनीय होती है। हम गावों में लोगों को भी उनके बच्चों को पढ़ाने के लिए कह रही हैं। मनजीत कौर ने बताया, उनके माता-पिता अनपढ़ हैं फिर भी उन्होंने मजदूरी कर उसे बीए तक की पढ़ाई करवाई। उन्होंने बताया कि अब उनका मकसद है गरीब परिवार का कोई भी बच्चा पढ़ाई से वंचित न रहे इसलिए उन्होंने मिलकर ऐसा कदम उठाया है।
सामाजिक संस्था भी मदद को उतरी
गरीब लड़कियों के इस काम में रूरल ह्यूमन डिपार्टमेंट सेंटर भी मदद कर रही है। बच्चों के पढ़ने के लिए पेन, कलर पेंसिल, ड्राइंग बुक्स, बोर्ड के अलावा बैठने के लिए टाट का इंतजाम किया है। रूरल ह्यूमन डिपार्टमेंट सैंटर को-आर्डिनेटर एडवोकेट गगनदीप कौर व चाइल्ड स्पांसर को-आर्डिनेटर रेनू बाला ने बताया, उनका पहले ही ऐसा मन था कि ऐसी लड़कियों को ढूंढा जाए जो उनकी संस्था से जुड़कर गरीब बच्चों को पढ़ा सकें। तीनों लड़कियों बच्चों को इतनी मेहनत से पढ़ा रही हैं कि बच्चें खुशी खुशी स्कूल टाइम के बाद खुद धर्मशाला में पहुंच जाते हैं। संस्था इन बेटियों को हर पक्ष से मदद कर रही है।