विवादों में फंसे वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, जाने क्या है मामला

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Feb, 2018 10:31 AM

manpreet singh badal is stranded in the controversy

पंजाब में कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार मार्च 2017 में बनी थी तथा तब से लेकर ही राज्य के खजाना मंत्री मनप्रीत सिंह बादल विवादों के घेरे में हैं परन्तु इस समय दौरान उन्होंने कई ऐसे काम किए, जिनके चलते समूचे पंजाब में धरने...

श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा): पंजाब में कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार मार्च 2017 में बनी थी तथा तब से लेकर ही राज्य के खजाना मंत्री मनप्रीत सिंह बादल विवादों के घेरे में हैं परन्तु इस समय दौरान उन्होंने कई ऐसे काम किए, जिनके चलते समूचे पंजाब में धरने प्रदर्शनों का दौर चल रहा है। प्रतिदिन सरकार की अर्थियां फूंकी जा रही हैं व मुर्दाबाद के नारे लग रहे हैं। पहले 800 सरकारी प्राइमरी स्कूलों को बंद करने का फरमान आया व अध्यापक वर्ग को सड़कों पर उतरना पड़ा। फिर राज्य के 27 हजार आंगनबाड़ी सैंटरों के अस्तित्व पर तलवार लटक गई।

इन सैंटरों में आने वाले करीब 6 लाख बच्चों को सरकारी प्राइमरी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू करवा कर उधर धकेल दिया तथा वर्करों/हैल्परों को मुक्त कर दिया। जिस कारण वह संघर्ष करने के लिए सड़कों उतरी हैं, वहीं बङ्क्षठडा थर्मल प्लांट बंद कर सैंकड़ों बिजली कर्मचारियों का रोजगार छीन लिया, सेवा केन्द्रों को बंद करके अनेकों नौजवान लड़के-लड़कियों को बेरोजगार कर दिया। इसके अलावा गरीबों की भलाई के लिए चलतीं स्कीमों बुढ़ापा, विधवा या दिव्यांग पैंशनें, लड़कियों के विवाह वाली शगुन स्कीम, आटा दाल आदि स्कीमों को वित्त मंत्री ने एक तरह से ठप्प करके ही रख दिया है। आंगनबाड़ी सैंटरों में बच्चों व गर्भवती महिलाओं को दिया जाने वाला पुष्टाहार एक वर्ष से नहीं भेजा गया। 

वित्त मंत्री का क्षेत्र बना धरनों का अड्डा  
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री ने प्रत्येक वर्ग के लोगों को परेशान करके रख दिया है जिसके चलते प्रत्येक तरफ सरकार की किरकिरी हो रही है। वित्त मंत्री का अपना विधानसभा हलका बठिंडा धरने प्रदर्शनों का पक्के तौर पर ही अड्डा बन गया है। 

17 दिनों से वर्कर्ज व हैल्पर्ज बैठीं मनप्रीत के दरवाजे पर  
आल पंजाब आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन की वर्कर्ज व हैल्पर्ज गत 17 दिनों से वित्त मंत्री के बङ्क्षठडा स्थित कार्यालय के समक्ष सड़क पर धरना लगाए बैठीं हैं परन्तु हैरानी वाली बात है कि 29 जनवरी के बाद वित्त मंत्री अपने कार्यालय में ही नहीं आए जबकि बातें महिलाओं के मान-सम्मान की जाती हैं। अपने कार्यालय के आगे बैठीं महिलाओं की फरियाद सुनने के लिए उनके पास समय नहीं है। 

अकालियों व कांग्रेसियों दोनों ने ही किया अनदेखा : हरगोबिन्द कौर
संगठन की प्रांतीय अध्यक्षा ने कहा कि हमें अकालियों व कांग्रेसियों दोनों ने ही अनदेखा किया है। पहले अकाली यह कह देते थे कि यह कांग्रेस समर्थक यूनियन है, जबकि अब कांग्रेसी कह रहे हैं कि यह अकाली दल की यूनियन है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री को याद होना चाहिए कि अकाली दल के राज में उनको गांव ख्योवाली और बङ्क्षठडा से गिरफ्तार कर दो बार कई-कई सप्ताह फिरोजपुर व बङ्क्षठडा की जेल में रखा गया था। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनको दिल्ली पैटर्न पर मान-भत्ता न देने के अतिरिक्त उनकी अन्य मांगों को न माना गया तो संगठन वित्त मंत्री का जगह-जगह पर घेराव करेगा।

यह यूनियन तो अकालियों की है  
आल पंजाब आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन का शिष्टमंडल संगठन की प्रांतीय अध्यक्ष हरगोबिन्द कौर के नेतृत्व में चंडीगढ़ में मनप्रीत सिंह बादल के घर मांगों संबंधी बैठक करने के लिए पहुंचा तो वहां उनको यह सुनने के लिए मिला कि यह यूनियन तो अकालियों की है। 2 दिन शिष्टमंडल को बुला कर भी कोई बात नहीं की गई और बहाना यह बनाया कि विभाग के उच्चाधिकारी मौजूद नहीं हैं।
 

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