शिरोमणि कमेटी के इतिहास में लौंगोवाल सबसे कमजोर प्रधान : मनप्रीत बादल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Dec, 2017 09:31 AM

manpreet singh badal

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का इतिहास बहुत गौरवमयी रहा है लेकिन गोबिंद सिंह लौंगोवाल को इसके इतिहास में सबसे कमजोर प्रधान चुना गया है, क्योंकि इस पर शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल की छाप है। उक्त शब्दों का प्रकटावा आज वित्त मंत्री...

बठिंडा(बलविंद्र): शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का इतिहास बहुत गौरवमयी रहा है लेकिन गोबिंद सिंह लौंगोवाल को इसके इतिहास में सबसे कमजोर प्रधान चुना गया है, क्योंकि इस पर शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल की छाप है। उक्त शब्दों का प्रकटावा आज वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए किया। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी की अध्यक्षता टौहड़ा साहिब जैसे हाथों में रही है, लेकिन अब इसको अकाली दल चला रहा है जो बहुमत का लाभ लेकर अपनी मनमर्जी के व्यक्तियों को पद सौंप देते हैं।

बहुमत उनके पास है और लोकतंत्र भी है इसलिए वह इसमें दाखिल नहीं हो सकते, परन्तु यह अच्छा नहीं हुआ क्योंकि शिरोमणि कमेटी के साथ सिख संगत की भावनाएं जुड़ी हुई हैं जिनसे अकाली दल खिलवाड़ कर रहा है। उन्होंने कहा कि अकाली-भाजपा गठजोड़ सरकार दौरान बहुत सारे कांग्रेसियों पर मामले दर्ज हुए, जिनको झूठे व राजसी करार दिया गया था। इन केसों को लेकर कैप्टन सरकार ने जस्टिस महिताब सिंह गिल के नेतृत्व में एक कमिशन का गठन किया गया था, जिसने अपनी फाइनल रिपोर्ट आज सरकार को सौंप दी है। इस रिपोर्ट बारे वित्त मंत्री ने कहा कि इस रिपोर्ट पर पूरी तरह अमल करते हुए कार्रवाई की जाएगी। यह रिपोर्ट उन्होंने अभी तक नहीं पढ़ी है जबकि गृह मंत्रालय विभाग भी मुख्यमंत्री के पास है जिसको वहीं देखेंगे कि इस पर क्या कार्रवाई की जाए, परन्तु यह यकीन है कि वह इसको गंभीरता से लेंगे। 

पंजाब में होने वाले नगर निगम, नगर कौंसिल व पंचायतों के चुनाव बारे बादल ने कहा कि विधानसभा चुनाव हुए और कांग्रेस ने सरकार बनाई, फिर गुरदासपुर उप-चुनाव हुए उसमें भी कांग्रेस ने जीत हासिल की। अब अगले चुनाव में भी कांग्रेस ही जीत दर्ज करेगी, क्योंकि लोग कैप्टन अमरेंद्र सिंह व कांग्रेस पर भरोसा करते हैं जोकि लोगों की उम्मीदों पर खरे उतर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि पंचायत या कौंसिल आदि के चुनाव के लिए प्रत्याशियों का पढ़ा-लिखा होना जरूरी हो, जैसे हरियाणा सरकार ने प्रत्याशियों की कम से कम योग्यता तय कर दी है। इस पर मनप्रीत बादल ने कहा कि यह अच्छी बात है परन्तु पंजाब सरकार का फिलहाल ऐसा कोई विचार नहीं है। वैसे भी यह जिम्मेदारी चुनाव आयोग या केंद्र सरकार की है अगर ऐसी कोई मांग उठती है तो वह उनसे सहमत होंगे। इस मौके पर प्रांत डैलीगेट केवल कृष्ण अग्रवाल व अन्य कांग्रेसी नेता भी मौजूद थे। 

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