Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Aug, 2017 11:54 AM
शहर का महाराजा रणजीत सिंह बाग अपने ऐतिहासिक महत्व के चलते भले ही किसी परिचय का मोहताज नहीं है लेकिन यहां दिन-प्रतिदिन
रूपनगर (विजय): शहर का महाराजा रणजीत सिंह बाग अपने ऐतिहासिक महत्व के चलते भले ही किसी परिचय का मोहताज नहीं है लेकिन यहां दिन-प्रतिदिन बढ़ती अव्यवस्था से यह बाग उपेक्षा का शिकार हो चुका है। हालांकि पार्कों में इकट्ठ व रैलियों का आयोजन करने को लेकर पाबंदी लागू है लेकिन प्रशासन की नाक तले यहां रोजाना धरने-रैलियों का आयोजन किया जाता है। सायं के समय मनचले युवक-युवतियां पार्क के समीप अपना डेरा जमा लेते हैं, जिससे यहां परिवार सहित आए लोगों में गलत संदेश जाता है। महाराजा रणजीत सिंह बाग में झूले टूटे पड़े हैं, फव्वारे खराब हो चुके हैं, यहां लगा बिजली का सामान भी कबाड़ हो चुका है।
युद्ध शहीदों की यादगारों को बना दिया स्टोर
यहां तक बाग के भीतर युद्ध शहीदों की याद में मिसलें लगाई गई हैं वहां के साफ-सुथरे एरिया को भी अब स्टोर के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। जहां पिछले काफी समय से किसी संस्थान के फ्लैक्स बोर्ड व अन्य सामान रखा पड़ा है, जबकि मिसलों के बाहर लगे गेट को ताला जड़ा हुआ है। इसके कारण लोग मिसलों को नजदीक से नहीं देख पाते, जबकि मिसलों पर सिख इतिहास अंकित किया गया है ताकि लोग उसे यहां पहुंच कर पढ़ सकें। शहरवासियों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि महाराजा रणजीत सिंह बाग को पुन: सुंदर तरीके से विकसित किया जाए ताकि यह पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित हो सके।