सुखबीर अगर गंभीर हैं तो वह किसान ऋण माफी के मामले पर संसद का घेराव करे : अमरेन्द्र

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Mar, 2018 05:15 PM

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पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने सुखबीर बादल के नेतृत्व वाले अकाली दल को चुनौती देते हुए कहा है

जालंधर/चंडीगढ़(धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने सुखबीर बादल के नेतृत्व वाले अकाली दल को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर वह किसानों के ऋण माफ करने के लिए गंभीर हैं तो उन्हें इस मुद्दे को लेकर केन्द्र सरकार पर दबाव डालने के लिए संसद का घेराव करना चाहिए। इस मामले पर राज्य विधानसभा का घेराव करने का अकालियों की योजना मात्र सियासी लाभ लेने के लिए है। उन्होंने सुखबीर द्वारा विधानसभा का घेराव करने के ऐलान की निन्दा करते हुए कहा कि 10 वर्षों तक सत्ता में रहते हुए सुखबीर तथा अकाली भाजपा गठबंधन सरकार को किसानों के ऋण माफ करने की याद नहीं आई। अब चूंकि कांग्रेस सरकार ने इस दिशा में कदम उठाया है तो सुखबीर मगरमच्छ के आंसू बहाने में लगे हुए हैं। 

 

मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि 10 वर्षों तक अकालियों ने आर्थिक संकट व ऋणों के जंजाल में फंसे किसानों की सुध नहीं ली और न ही अपने कार्यकाल के दौरान एक भी किसान का ऋण माफ किया। उन्होंने कहा कि केन्द्र में अकाली दल की सहयोगी पार्टी भाजपा की सरकार पिछले 4 वर्षों से काम कर रही है परन्तु अकाली दल ने एक बार भी राजग सरकार से किसानों के ऋण माफ करने का मुद्दा नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल में सुखबीर की पत्नी हरसिमरत बादल भी शामिल हैं परन्तु उन्होंने भी संकट में फंसे किसानों को राहत दिलवाने के लिए अपनी आवाज नहीं उठाई। अगर सुखबीर वास्तव में गंभीर होते तो अब तक केन्द्र सरकार पर दबाव डालने के लिए कुछ प्रयास तो करते। 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2018-19 के बजट में किसान ऋण माफी को लेकर बजट की पूरी व्यवस्था कांग्रेस सरकार द्वारा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक 82000 किसानों को सरकार ने ऋण माफी के प्रमाण पत्र दे दिए हैं। उनकी सरकार नवम्बर 2018 तक सभी 10.25 लाख छोटे व सीमांत किसानों का ऋण माफ कर देगी। आर्थिक संकट होने के बावजूद उनकी सरकार ने किसान ऋण माफी के वायदे को इसी वर्ष पूरा करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि अकालियों ने सिर्फ सियासी ड्रामेबाजी की है क्योंकि वह किसानों में अपना खोया हुआ जनाधार वापस पाना चाहते हैं परन्तु उन्हें यह नहीं पता कि किसान जागरूक हो चुका है। अब वह अकाली दल के झांसे में आने वाला नहीं है। अकालियों को जनता ने पिछले एक वर्ष के दौरान कई बार चुनावों में नकार दिया है। 

 

उन्होंने कहा कि विधानसभा जैसी पवित्र लोकतांत्रिक संस्था की मर्यादा का भी सुखबीर को ध्यान नहीं है तथा वह बजट सत्र के पहले दिन उसका घेराव करने चले हैं। अगर अकाली गंभीर होते तो वह घेराव की बजाय विधानसभा में सरकार से इस मुद्दे पर बहस कर लेते। उन्होंने कहा कि अकालियों की परवाह किए बिना कांग्रेस सरकार छोटे किसानों को कर्जामुक्त करने के लिए पूरी तरह से वचनबद्ध है। 

 

कबाड़ की दुकान में हुए धमाके की मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश
वहीं सीएम ने पटियाला की लक्कड़ मंडी के पास कबाड़ की दुकान में हुए धमाके की मैजिस्ट्रेट जांच  के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही  मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख की मदद और घायलों को इलाज के लिए 25 हजार रुपए दिए जाएंगे।


 

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