Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Nov, 2017 09:39 AM
बीते वर्ष जालंधर में आर.एस.एस. के रिटायर्ड ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा, लुधियाना में मोहन शाखा के प्रमुख शिक्षक रविंद्र गोसाईं के बाद अमृतसर में ङ्क्षहदू नेता विपन शर्मा की हुई हत्या के बावजूद आर.आर.एस. के कार्यकत्र्ताओं के हौसले बुलंद हैं
लुधियाना (महेश): बीते वर्ष जालंधर में आर.एस.एस. के रिटायर्ड ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा, लुधियाना में मोहन शाखा के प्रमुख शिक्षक रविंद्र गोसाईं के बाद अमृतसर में ङ्क्षहदू नेता विपन शर्मा की हुई हत्या के बावजूद आर.आर.एस. के कार्यकत्र्ताओं के हौसले बुलंद हैं और उनकी शाखाएं बिना किसी भय के जारी हैं। आर.आर.एस. वालों का कहना है कि वे के डर से पीछे हटने वाले नहीं हैं और जब से ङ्क्षहदू नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है तब से उनकी शाखाओं में कार्यकत्र्ताओं की संख्या बढ़ गई है।
लुधियाना जोन के इंचार्ज यश गिरि ने कहा कि लुधियाना, खन्ना, दोराहा, समराला, माछीवाड़ा इत्यादि इलाकों को मिलकर 100 के करीब शाखाएं चल रही हैं। आर.आर.एस. कार्यकत्र्ता न तो मौत से कभी डरा है और न ही दहशतगर्दों के आगे कभी झुका है। उनमें देश के लिए मर मिटने के हौसले बुलंद हैं। रविंद्र गोसाईं जिस मोहन शाखा को चलाते थे अब उसमें कार्यकत्र्ताओं की संख्या आगे से बढ़ गई है। पहले इस शाखा में आर.एस.एस. के कार्यकत्र्ताओं की संख्या 10 से 12 होती थी, परंतु अब बढ़ करके 15 से 16 हो गई हैं।
उन्होंने कहा कि मैं सलाम करता हूं रविंद्र गोसाई की भाभी वीना गोसाईं को जो एक महिला होते हुए संघ और देशभक्ति का जज्बा दिखाया। अब उस शाखा में रविंद्र गोसाईं के कई पारिवारिक सदस्य हिस्सा ले रहे हैं। जो यह कहती है कि मौत के डर से उन्हें डराया नहीं जा सकता।
गिरि ने कहा कि दहशतगर्द पंजाब में फिर काला दौर लाने की साजिशें रच रहे हैं। वे चाहते हैं कि सम्प्रदायिक दंगे करवाए जाएं। पहले भी आर.आर.एस. ने आतंकवाद का डटकर मुकाबला किया था। उनके हौसले बुलंद हैं, लेकिन उनके जान-पहचान वाले ङ्क्षहदुओं की हो रही हत्याओं को लेकर ङ्क्षचतित हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस के पास जितनी क्षमता है, उसके हिसाब से शाखाओं के दौरान जो भी वह सुरक्षा इंतजाम कर रही हैं, उससे वह संतुष्ट हैं।
विश्वकर्मा सर्कल के इंचार्ज मनोज का कहना है कि उनके अधीन जमालपुर व उसके आसपास लगते इलाकों में 18 शाखाएं आती हैं। रविंद्र गोसाईं की हत्या के बाद अब तो संघ के वे कार्यकत्र्ता भी शाखाओं में पहुंचने लगे हैं जिन्होंने किसी कारणवश आना बंद कर दिया था। शाखा में आने वालों छोटे बच्चों के अभिभावकों में दहशत चलते उनकी संख्या कम हुई है, परंतु अन्य शाखाओं में आगे से कार्यकत्र्ताओं की गिनती बढ़ गई है। वे पूरी तरह से चौकस हैं।
सिविल लाइन शाखा के इंचार्ज राजेश गुप्ता ने कहा कि संघ का प्रत्येक कार्यकत्र्ता जटिल से जटिल परिस्थितियों का सामने करने में सक्षम है। कुछ गर्म दल पंजाब का माहौल फिर से खराब करना चाहते हैं, लेकिन संघ को किसी का कोई भय नहीं है। वह देश की सेवा में जुटा हुआ है। पहले उनकी शाखा में कार्यकत्र्ताओं की गिनती 10 तक थी लेकिन अब यह गिनती 15 से अधिक हो गई है। जिससे साफ है कि उन्हें मौत से डराया नहीं जा सकता।
पूरी तरह से रहते हैं सतर्क
संघ के कार्यकत्र्ता ने बताया कि शाखा के वक्त वह पूरी तरह से सतर्क रहते हैं। सुरक्षा को लेकर वह टोली बना कर चलते हैं और फोन पर हर वक्त एक-दूसरे से सम्पर्क में रहते हैं। उनका कहना है कि इससे पहले भी कई मर्तबा शाखाओं पर जानलेवा हमले हो चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद शाखाएं आज भी यथावत चल रही हैं।
जिस धर्म के रास्ते पर मैं चल रहा हूं, उसमें डर का तो सवाल ही पैदा नहीं होता। अगर मैं डर गया तो समझो मर गया। मेरा केवल इतना ही कहना है। पंजाब के काले दौर में 1980 से लेकर 1992 तक जिस दलेरी और बहादुरी से पुलिस और ङ्क्षहदू संगठनों ने आतंकवाद का डट कर सामना किया था, अब वही समय की मांग है।
-राजीव टंडन, चेयरमैन शिव सेना पंजाब
पंजाब में हो रही ङ्क्षहदुओं की हत्याएं पुलिस प्रशासन की नाकामी है, जिसके चलते डर का माहौल है, लेकिन राष्ट्रवाद और ङ्क्षहदुत्व के लिए जो कदम मैंने उठाया है, उससे मैं किसी भी कीमत पर पीछे हटने वाला नहीं हूं। दहशतगर्दों का मुख्य मकसद हिन्दू नेताओं को शांत करना है। इसमें प्रशासन भी उनकी ही मदद कर रहा है।
-चंद्रकांत चड्ढा, प्रदेशाध्यक्ष शिवसेना ङ्क्षहदुस्तान व्यापार सेना
शिवसेना ङ्क्षहदुस्तान का स्टैंड शुरू से ही साफ
रहा है। न तो हम किसी से डरे हैं और न ही डरेंगे। जिस तरह से निहत्थे ङ्क्षहदुओं को छिप कर मारा जा रहा है वह बहुत ही घिनौना व कायरतापूर्ण है। ङ्क्षहदुओं को
डराया जा रहा है। पुलिस व सरकार इन पर काबू पाने में अभी तक नाकाम साबित हुई है।
-कृष्ण शर्मा, प्रधान शिवसेना ङ्क्षहदुस्तान पंजाब