Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Sep, 2017 01:28 PM
ठेकेदारों का पूल तुड़वाने के पीछे कुछ नेताओं का हाथ है।
लुधियाना (हितेश): ठेकेदारों का पूल तुड़वाने के पीछे कुछ नेताओं का हाथ है। जो चाहते थे कि उनके इलाकों में होने वाले विकास कार्यों के टैंडर किसी भी सूरत में डाले जाएं। इसके साथ ही यह पहलु भी ध्यान में रखा गया कि उन विकास कार्यों की अलॉटमैंट में दिक्कत में आने के लिए कम-से-कम 3 टैंडर डालने का प्रबंध किया जाए। इसके लिए कुछ ठेकेदारों को यूनियन से बागी किया गया। लेकिन उनके द्वारा डाले गए टैंडरों में से भी लैस को लेकर पेंच फंसेगा। क्योंकि हलका वाइज विकास कार्यों की अलॉटमैंट के मामले में सिद्धू द्वारा अफसरों पर की गई कार्रवाई में पहले चल रहे उसी कैटागरी के कामों के मुकाबले लैस होने का पहलु भी शामिल रहा है। जबकि अब टैंडरों में लैस आधे से एक फीसदी के बीच बताया जा रहा है। जिस कैटागरी के काम पहले 5 से 10 फीसदी तक चल रहे हैं और उनके मुकाबले कम लैस वाले टैंडरों की अलॉटमैंट करने का जोखिम कोई अफसर नहीं उठाएगा।
नगर निगम द्वारा लगाए विकास कार्यों के टैंडरों का बायकाट करने के ऐलान की आड़ में ठेकेदारों द्वारा किए पूल की कुछ हॉट मिक्स प्लांट मालिकों ने यूनियन से बागी होकर हवा निकाल दी है। इसके तहत उन्होंने पहले बंटवारे में हिस्से आए कामों से कहीं ज्यादा टैंडरों को ज्यादा लैस पर डाल दिया है। वर्णनीय है कि निगम से पेमैंट न मिलने के विरोध में ठेकेदारों ने काफी समय से या तो वार्ड वाइज विकास कार्य शुरू ही नहीं किए या फिर बीच में छोड़े हुए हैं। इसी बीच अकाली-भाजपा सरकार के समय विधानसभा चुनावों के दौरान करवाए गए हलका वाइज विकास कार्यों में लोन लेकर एडवांस पेमैंट का प्रबंध हुआ तो सभी ठेकेदारों ने उस तरफ रुख कर लिया। यह सब शुरूआती दौर में तो ठीक चला और ठेकेदारों को आगे काम करवाने के लिए विकास कार्यों के बिल बनने के साथ-साथ ही पेमैंट मिलती रही। लेकिन बाद में बारिश कारण सड़कें बननी बंद हो गई, फिर चुनावी कोड लगने से न तो नए काम शुरू हो पाए और सरकार से आई 86 करोड़ की पेमैंट तक रिलीज नहीं हो पाई।
उसके बाद कांग्रेस सरकार ने जांच के नाम पर सारा पैसा खर्च करने पर रोक लगा दी। इसके विरोध में ठेकेदारों ने हलका वाइज विकास कार्य भी ठप्प कर दिए।हालांकि लंबे सहालांकि लंबे समय से काम शुरू करवाने के लिए जल्द पेमैंट रिलीज करने की बात कही जा रही है और लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू भी रुके हुए व नए विकास कार्यों को पूरा करवाने के लिए 136 करोड़ देने का ऐलान करके गए है। लेकिन ठेकेदारों ने अब तक लोन लेकर रिलीज किए गए 25 करोड़ को नाकाफी बताते हुए पूरा बकाया पैसा मिलने तक काम शुरू न करने का ऐलान किया। यहां तक कि नए लगे 12 करोड़ की लागत से होने वाले विकास कार्यों के टैंडरों के बायकॉट की भी घोषणा कर दी। इसे लेकर भले ही अफसरों ने पेमैंट देने का भरोसा दिलाकर उन्होंने टैंडर डालने के लिए राजी करने की कोशिश की जबकि ठेकेदारों ने टैंडर डालने का फैसला उस समय किया, जब उनको कुछ हॉट मिक्स प्लांट मालिकों द्वारा बागी होकर टैंडर डालने की भनक लगी। इस पर यूनियन की मीटिंग बुलाकर आपस में टैंडर भी बांट लिए गए। लेकिन इस कवायद की उस समय हवा निकल गई। जब कुछ और ठेकेदारों ने पूल से बाहर जाकर बाकी मैंबरों से ज्यादा लैस पर काफी टैंडर डाल दिए।
धर्म सिंह, एस.ई.का कहना है कि टैंडर खोलने शुरू कर दिए गए हैं। अगर लैस पहले से चल रहे विकास कार्यों से कम हुआ तो उन पर अलॉटमैंट का फैसला लेने के लिए रिपोर्ट बनाकर आला अफसरों को भेज दी जाएगी।