खजाना खाली : कांग्रेसियों के दबाव में फिर होगी एफ. एंड सी.सी. की बैठक

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Jul, 2017 04:58 PM

ludhiana municipal corporation

नगर निगम का खजाना खाली होने के कारण विकास कार्य रुके रहने सहित मुलाजिमों को तनख्वाह समय पर नहीं दी जा रही और इसी बीच सैंकड़ों नए

लुधियाना(हितेश): नगर निगम का खजाना खाली होने के कारण विकास कार्य रुके रहने सहित मुलाजिमों को तनख्वाह समय पर नहीं दी जा रही और इसी बीच सैंकड़ों नए प्रस्ताव पास करने के लिए वीरवार को फिर एफ. एंड सी.सी. की बैठक बुलाने का फैसला गले नहीं उतर रहा। जिसे निगम चुनावों के मद्देनजर लोगों को गुमराह करने की कोशिश के तहत कांग्रेसियों द्वारा बनाए दबाव के रूप में भी देखा जा रहा है। 

अगर बात निगम की वित्तीय हालत की करें तो उसके अपने स्रोतों प्रापर्टी टैक्स, पानी-सीवरेज बिलों व अवैध निर्माणों के जुर्माने के रूप में नाममात्र रिकवरी होने कारण सारा दारोमदार चुंगी की वसूली बंद होने के बदले सरकार से मिलते वैट की आमदनी के हिस्से पर टिका हुआ है। जिस पैसे में से पहले पैंशन, लोन की किस्तें व बिजली के बिल ही भरे जाते हैं और बाकी पैसे में से मुलाजिमों को पूरी तनख्वाह नहीं दी जा सकती। उसके हल के लिए बकाया राजस्व की वसूली की दिशा में अब तक कोई खास पहल नहीं हुई है। जहां तक विकास कार्यों का सवाल है, वहां नई बनी कांग्रेस सरकार द्वारा हलका वाइज विकास कार्यों के लिए जारी हुए पैसे को खर्च करने पर रोक लगाने के कारण सारा काम ठप्प हो गया है, क्योंकि बकाया बिलों का भुगतान न होने के कारण ठेकेदारों ने नए विकास कार्य तो क्या शुरू करने हैं, पुराने काम भी रोक कर हड़ताल पर चले गए हैं। यही हाल वार्ड वाइज विकास कार्यों का है। जिनको आगामी निगम चुनावों के मद्देनजर पूरे करवाने के लिए 70 करोड़ का लोन रिलीज करवाना पड़ा। 

इस सबके बावजूद निगम ने वीरवार को फिर से एफ. एंड सी.सी. की मीटिंग बुला ली है। इसमें विकास कार्यों से संबंधित सैंकड़ों नए प्रस्ताव मंजूरी के लिए पेश किए जाएंगे। लेकिन इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है कि उन नए कामों को पूरा करवाने के लिए पैसा कहां से आएगा। यह आलम उस समय है, जब निगम द्वारा एफ. एंड सी.सी. में पहले पास किए जा चुके काफी एस्टीमेटों पर अब तक टैंडर नहीं लग पाए और कई कामों के टैंडर आने के बावजूद वर्क आर्डर जारी करने का इंतजार है। सूत्रों की माने तो मीटिंग कांग्रेस के दबाव में बुलाई जा रही है क्योंकि एजैंडे में ज्यादातर प्रस्ताव कांग्रेसी पार्षदों के वार्डों में होने वाले विकास कार्यों से संबंधित ही हैं। जिसे निगम चुनावों के मद्देनजर लोगों को गुमराह करने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है, क्योंकि अगर जमीनी हकीकत के हिसाब से बात करें तो पहले निगम के खजाने में पैसा नहीं है। फिर वीरवार को पास होने वाले प्रस्तावों पर टैंडर लगाने, उनको खोलने व कम्प्रैटिव स्टेटमैंट बनाने के लिए समय चाहिए। जिसे मंजूरी के लिए दोबारा एफ. एंड सी.सी. में लाना जरूरी है। इसके लिए अगर एंटीसिपेशन का सहारा भी लिया जाता है तो 2 महीने का समय लग जाएगा। उस समय तक शुरू होने वाले काम भी निगम चुनावों तक पूरे होने मुश्किल नजर आ रहे हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!