Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Dec, 2017 04:00 PM
विश्व के सबसे प्रदूषित 20 शहरों में शुमार औद्योगिक शहर लुधियाना में बढ़ रहे प्रदूषण स्तर पर नियंत्रण पाने के लिए पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने इंडक्शन फर्नेसों की चिमनियों से निकलने वाली राख से मैटल रिकवरी करने की आर. एंड डी. पर विशेष फोकस किया है।...
लुधियाना(बहल): विश्व के सबसे प्रदूषित 20 शहरों में शुमार औद्योगिक शहर लुधियाना में बढ़ रहे प्रदूषण स्तर पर नियंत्रण पाने के लिए पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने इंडक्शन फर्नेसों की चिमनियों से निकलने वाली राख से मैटल रिकवरी करने की आर. एंड डी. पर विशेष फोकस किया है। पी.पी.सी.बी. के चेयरमैन काहन सिंह पन्नू ने मंडी गोबिंदगढ़ की कंपनी माधव अलॉयज द्वारा अमलोह रोड पर स्टील फर्नेसों के धुएं से निकली राख को डिस्पोज ऑफ करने का भारत का प्रथम प्लांट स्थापित किया है।इसी संदर्भ में पी.पी.सी.बी. द्वारा जिला लुधियाना की 40 से अधिक इंडक्शन फर्नेस इकाइयों से निकलने वाली डस्ट को री-साइकिल करके वायु प्रदूषण घटाने के लिए लुधियाना पॉल्यूशन विभाग चीफ प्रदीप गुप्ता की अध्यक्षता में सैमीनार का आयोजन किया गया, जिसमें विशेषज्ञों ने स्टील फर्नेस कारोबारियों को आधुनिक टैक्नोलॉजी के जरिए प्रदूषण रोकथाम बारे विस्तृत जानकारी दी।
80 प्रतिशत खर्च घटेगा और प्रदूषण लैवल होगा कम
चीफ इंजीनियर प्रदीप गुप्ता ने कहा कि लुधियाना की इंडक्शन फर्नेस इंडस्ट्री से सालाना करीब 250 मीट्रिक टन डस्ट निकलती है, जबकि आर्क फर्नेसों से सालाना 400 मीट्रिक टन वेस्ट ऐश जैनरेट होती है। अभी तक फर्नेसों की हैजेडर्स वेस्ट को नींबुआ स्थित प्लांट में डम्प करने के लिए फर्नेस उद्यमियों को 8000 रुपए प्रति टन की दर से सालाना 52 लाख रुपए अदा करने पड़ते थे, लेकिन अब यह वेस्ट माधव अलॉयज द्वारा फर्नेसों से मात्र 1 हजार रुपए प्रति टन की दर से उठाने से इंडस्ट्री का 80 प्रतिशत खर्च घट जाएगा। उन्होंने कहा कि माधव अलॉयज के वेस्ट-टू-वैल्थ तकनीक पर बने आधुनिक री-साइकिं्लग प्रोजैक्ट को नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा भी अधिकृत किया गया है।
आर्क फर्नेसों, इलैक्ट्रो प्लेटिंग यूनिटों और डाइंग इंडस्ट्री की आर. एंड डी. पर भी विशेष फोकस
एक्सियन आर.के. रतड़ा ने कहा कि पी.पी.सी.बी. द्वारा लुधियाना के प्रदूषण स्तर को घटाने की कवायद में आर्क फर्नेसों, इलैक्ट्रो प्लेटिंग यूनिटों और डाइंग इंडस्ट्री की वेस्ट से रिकवरी पर रिसर्च एवं डिवैल्पमैंट कार्यों पर तेजी से काम किया जा रहा है।