सूफियां चौक फैक्टरी हादसे के बाद खुली निगम प्रशासन की नींद

Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Dec, 2017 02:10 PM

ludhiana factory collapse

सूफियां चौक स्थित प्लास्टिक फैक्टरी में आगजनी के बाद बिल्डिंग गिरने के कारण हुए हादसे में 16 लोगों की मौत होने के बाद आखिर नगर निगम को कई महीनों से पैंडिंग पड़े फायर सेफ्टी एन.ओ.सी. लाजमी करने के मामले पर अमल शुरू करने की याद आ गई है जिसके तहत फैसला...

लुधियाना(हितेश): सूफियां चौक स्थित प्लास्टिक फैक्टरी में आगजनी के बाद बिल्डिंग गिरने के कारण हुए हादसे में 16 लोगों की मौत होने के बाद आखिर नगर निगम को कई महीनों से पैंडिंग पड़े फायर सेफ्टी एन.ओ.सी. लाजमी करने के मामले पर अमल शुरू करने की याद आ गई है जिसके तहत फैसला लागू करने का प्रस्ताव टैक्नीकल एडवाइजरी कमेटी की अगली मीटिंग में पेश किया जाएगा। यहां बताना उचित होगा कि दशकों पुराने फायर सेफ्टी एक्ट व पंजाब फायर सर्विस रूल्स के तहत हरेक कमर्शियल व इंडस्ट्रीयल यूनिट के लिए फायर सेफ्टी एन.ओ.सी. लेना लाजमी है जिसमें अपने परिसर में आग बुझाऊ प्रबंध करने के अलावा हर साल एन.ओ.सी. रिन्यू करवाने की जिम्मेदारी भी उसके मालिक की होती है। लेकिन लुधियाना में नगर निगम के अलावा कभी पब्लिक ने भी इन नियमों के पालन को लेकर कोई पहल नहीं की।

यहां तक कि किसी बड़ी बिल्डिंग का नक्शा पास करवाने के लिए फायर सेफ्टी के प्रबंध करने की अंडरटेकिंग देकर प्रोविजनल एन.ओ.सी. तो ले लिया जाता है और कम्प्लीशन सर्टीफिकेट न लिए जाने के कारण वहां काम शुरू होने से पहले आग बुझाऊ यंत्रों का प्रबंध होना यकीनी बनाने का पहलू गायब है जबकि बड़ी बिल्डिंगों में फायर सेफ्टी नियमों के पालन बारे चैकिंग न करने को लेकर फायर ब्रिगेड विंग के पास स्टाफ की कमी का जवाब है। इसी बीच 2017 की शुरूआत के साथ ही महानगर में एक के बाद एक करके आगजनी की कई बड़ी घटनाएं होने के दौरान यह बात सामने आई कि अधिकतर यूनिटों ने फायर सेफ्टी का एन.ओ.सी. ही नहीं लिया हुआ था और न ही अपने तौर पर कोई आग बुझाऊ यंत्रों के प्रबंध किए थे। जिस पर निगम प्रशासन को एन.ओ.सी. लाजमी करने के नियम लागू करवाने की याद आई जिसके लिए फगवाड़ा के पैट्रन को आधार बनाया गया है और मई के दौरान कमिश्नर के बाद मेयर ने जनरल हाऊस की एंटीसिपेशन के तौर पर मंजूरी भी दे दी। लेकिन उसके बाद फैसले पर अमल नहीं हो पाया और फाइल ठंडे बस्ते में चली गई। जिसे लेकर अब सूफियां चौक फैक्टरी हादसे के बाद हलचल शुरू हुई है और फायर ब्रिगेड ब्रांच के इंचार्ज की रिपोर्ट पर कमिश्नर ने फैसला लागू करने से पहले केस को टैक्नीकल एडवाइजरी कमेटी से मंजूर करवाने के आदेश दिए हैं। 


प्रापर्टी टैक्स के साथ भी लिया जाता है 10 फीसदी फायर सैस
निगम द्वारा अब जो फायर सेफ्टी की एन.ओ.सी. दी जाती है, उसके लिए कोई फीस नहीं वसूल की जा रही लेकिन अब एरिया वाइज फीस तय की जाएगी। हालांकि इससे पहले हाऊस टैक्स व अब प्रापर्टी टैक्स के साथ फायर सैस के रूप में 10 फीसदी की वसूली की जा रही है।

फायर ब्रिगेड की अपग्रेडेशन पर ही खर्च होगा फीस का पैसा
निगम ने अपने प्रस्ताव में साफ लिखा है कि फायर सेफ्टी एन.ओ.सी. लाजमी करने के फैसले के तहत जितनी भी फीस इकट्ठी होगी उसका सारा पैसा फायर ब्रिगेड की अपग्रेडेशन पर ही खर्च होगा जिसमें गाडिय़ों की खरीद, मुलाजिमों की भर्ती व उनको फायर सेफ्टी सूट लेकर देने का पहलू भी शामिल किया गया है। ताकि लोगों के पैसे को उनकी जान-माल की हिफाजत पर ही खर्च किया जा सके।

योजना पर एक नजर
-निगम रिकार्ड में हैं एक लाख कमर्शियल व इंडस्ट्रीयल यूनिट
-सभी को लेना होगा फायर सेफ्टी एन.ओ.सी.
-अपने तौर पर करने होंगे आग बुझाऊ यंत्रों के इंतजाम
-हर साल रिन्यू करवाना होगा एन.ओ.सी.
-निगम भी करेगा क्रास चैकिंग
-फायर सेफ्टी नियमों का पालन न करने पर लगेगा जुर्माना
-बिल्डिंग पर हो सकती है सीलिंग की कार्रवाई

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