Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Nov, 2017 12:27 PM
सूफियां चौक स्थित प्लास्टिक फैक्टरी में आगजनी के बाद हुए बिल्डिंग गिरने के हादसे में मारे गए फायर ब्रिगेड कर्मियों को मुआवजा देने के मामले में सरकार के मुकाबले नगर निगम ने बाजी मार ली है। इसके तहत मृतक मुलाजिमों को अपने हिस्से के 5-5 लाख देने का...
लुधियाना(हितेश): सूफियां चौक स्थित प्लास्टिक फैक्टरी में आगजनी के बाद हुए बिल्डिंग गिरने के हादसे में मारे गए फायर ब्रिगेड कर्मियों को मुआवजा देने के मामले में सरकार के मुकाबले नगर निगम ने बाजी मार ली है। इसके तहत मृतक मुलाजिमों को अपने हिस्से के 5-5 लाख देने का प्रस्ताव पास कर दिया गया।
यहां बताना उचित होगा कि 20 नवम्बर को हुए दर्दनाक हादसे में मलबे के नीचे दबने से नगर निगम के 10 मुलाजिमों की मौत हुई है, जिनमें से चीफ सैनेटरी इंस्पैक्टर लक्ष्मण द्रविड़ के अलावा 6 फायर ब्रिगेड कर्मियों के शव मिल चुके हैं, जबकि 3 मुलाजिमों के अवशेष मलबे में न मिलने कारण उनको मृत घोषित करने की प्रक्रिया चल रही है। इन मुलाजिमों के परिवारों को नौकरी के अलावा 10-10 लाख का मुआवजा देने का ऐलान सी.एम. ने मौके का दौरा करने के दौरान किया था। इसमें से 5 लाख सरकार की तरफ से मिलने हैं और बाकी पैसा लोकल बॉडीज यानी कि नगर निगम को देना है।
इसकी अदायगी के लिए सरकार के पास रिपोर्ट भेजने का जिम्मा डी.सी. के हिस्से आता है, जिसे मंजूरी सरकार से मिलने में अभी समय लगने की उम्मीद है, जबकि नगर निगम ने अपने तौर पर होने वाली कार्रवाई के रूप में मंगलवार को हुई मीटिंग के दौरान टैक्नीकल एडवाइजरी कमेटी के जरिए प्रस्ताव पास कर दिया गया है। जिसे लोकल बॉडीज विभाग की हरी झंडी मिलते ही मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। इससे पहले नगर निगम द्वारा मृतक फायर ब्रिगेड कर्मियों के वारिसों को नौकरी देने बारे रिपोर्ट तैयार करने के लिए एडीशनल कमिश्नर ऋषिपाल की अगुवाई में कमेटी बना दी है। इसी तरह उनको सर्विस के दौरान मृत्यु होने पर मिलने वाली एक्सग्रेशिया ग्रांट व लीव इंकैशमैंट की बकाया राशि रिलीज करने का प्रस्ताव पास कर दिया है, जबकि ग्रैच्युटी, जी.पी.एफ. व तनख्वाह के ड्यूज कैलकुलेट करके 10 दिन में रिलीज करने के लिए एडीशनल कमिश्नर विशेष सारंगल की अगुवाई में कमेटी बनाई जा चुकी है।