Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Nov, 2017 11:44 AM
फायर ब्रिगेड विंग में स्टाफ व संसाधनों की कमी बारे पंजाब केसरी में पोल खुलने के बाद नगर निगम प्रशासन नींद से जाग गया है, जिसके तहत 25 मुलाजिमों का इजाफा करने को हरी झंडी दे दी गई है। महानगर में जब भी कहीं आगजनी की घटना के बाद बचाव कार्यों में कमी...
लुधियाना(हितेश): फायर ब्रिगेड विंग में स्टाफ व संसाधनों की कमी बारे पंजाब केसरी में पोल खुलने के बाद नगर निगम प्रशासन नींद से जाग गया है, जिसके तहत 25 मुलाजिमों का इजाफा करने को हरी झंडी दे दी गई है। महानगर में जब भी कहीं आगजनी की घटना के बाद बचाव कार्यों में कमी सामने आती है तो फायर ब्रिगेड विंग के पास गाडिय़ों व स्टाफ की कमी का हवाला दिया जाता है, जिस कमी को पूरी करने के नाम पर करीब एक दशक से सरकार व नगर निगम के बीच कागजी कार्रवाई चल रही है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
यही वजह है कि स्टाफ की कमी का बहाना बनाकर उन यूनिटों की चैकिंग भी नहीं की जा रही, जो फायर सेफ्टी नियमों का पालन नहीं करते। जिन हालातों को लेकर किरकिरी होने के मद्देनजर कुछ समय पहले अस्थायी तौर पर पैसको से करीब 50 फायरमैन व ड्राइवर मंगवाए गए थे, जिनमें रैगुलर स्टाफ मिलाकर भी आंकड़ा 70 के पार नहीं हुआ, जबकि जरूरत 230 फायर कर्मियों की बताई जाती है। यही हाल फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों का है, जिसके तहत सरकार द्वारा 6 नई गाडिय़ां देने पर भी निगम के पास मौजूद गाडिय़ों की संख्या 17 पर आकर ही अटक गई, जबकि नियमों के मुताबिक इससे दोगुनी गाडिय़ों की जरूरत है।इसी बीच सूफियां चौक स्थित फैक्टरी में आगजनी के बाद बिल्डिंग गिरने से 13 लोगों की मौत होने पर मौके का जायजा लेने पहुंचे सी.एम. सारे हालातों की जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत लोकल बाडीज मंत्री को फायर ब्रिगेड कर्मियों को सैफ्टी सूट लेकर देने सहित उनका बीमा करवाने की योजना बनाने के आदेश दिए।
इसी तरह सरकार द्वारा भीतरी इलाके में आगजनी की घटना होने की सूरत में बचाव कार्यों के लिए 5 से 10 छोटी फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां खरीदने का फैसला किया है। इसे लेकर पंजाब केसरी ने मंडे स्पैशल स्टोरी के जरिए मुद्दा उठाया कि 25 साल से रैगुलर भर्ती न होने कारण फायर ब्रिगेड विंग में मंजूरशुदा पोस्टों पर भी पूरे मुलाजिम नहीं हैं, जबकि जो स्टाफ पहले काम कर रहा था, वह भी फैक्टरी हादसे में मारे जाने कारण मुलाजिमों की संख्या कम हो गई है, जिस पर हरकत में आए नगर निगम प्रशासन ने मंगलवार को हुई टैक्नीकल एडवाइजरी कमेटी की मीटिंग में फैसला किया है कि फिलहाल पैसको के जरिए 25 फायरमैन व ड्राइवर मंगवाए जाएंगे।