Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Nov, 2017 08:09 AM
सूफियां चौक प्लास्टिक फैक्टरी में 13 लोगों की मौत हुई। फैक्टरी में प्लास्टिक के लिफाफे बनाने के इस्तेमाल होने कैमिकल की वजह से कई दिनों तक आग निकलती रही जिस पर काबू पाने के लिए प्रशासन की पुरजोर कोशिशों के बावजूद पुख्ता इंफ्रास्ट्रक्चर की भारी कमी...
लुधियाना (बहल): सूफियां चौक प्लास्टिक फैक्टरी में 13 लोगों की मौत हुई। फैक्टरी में प्लास्टिक के लिफाफे बनाने के इस्तेमाल होने कैमिकल की वजह से कई दिनों तक आग निकलती रही जिस पर काबू पाने के लिए प्रशासन की पुरजोर कोशिशों के बावजूद पुख्ता इंफ्रास्ट्रक्चर की भारी कमी नाकामी की वजह बनी। इसके अलावा महानगर में हौजरी यूनिटों में हुए भीषण अग्निकांडों में हुए भारी नुक्सान इस बात का सीधा इशारा करते हैं कि लुधियाना को देश के 100 स्मार्ट सिटी में शुमार करने के बाद भी सब कु छ ठीक नहीं है।
प्लास्टिक निर्माता संघ ने उठाए सरकारी तंत्र की नाकामी पर सवाल
महानगर की एक प्लास्टिक निर्माता फैक्टरी में हुए भीषण हादसे ने जहां कई सवालिया निशान छोड़ दिए हैं, वहीं प्लास्टिक निर्माता एवं ट्रेडर संघ के प्रधान गुरदीप सिंह के मुताबिक औद्योगिक शहर लुधियाना में करीब 500 प्लास्टिक यूनिट है और पूरे पंजाब में इनकी गिनती 1200 से ऊपर है। सूफियां चौक फैक्टरी में हुआ हादसा एक त्रासदी था, जिसके लिए मात्र उद्योगपति को जिम्मेवार ठहराना सही नहीं है। लुधियाना एक मैट्रो सिटी होने के नाते प्रशासन ने लोगों की जानमाल की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम ही नहीं किए हैं। प्लास्टिक फैक्टरी में सुबह 6 बजे आग लगने के बाद दोपहर 12 बजे तक प्रशासन का हरकत में न आना एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। नियमों के मुताबिक फायर स्टाफ के पास आग बुझाने के आधुनिक यंत्रों की कमी, फ्लाइंग सीढ़ी का न होना, दमकल कर्मचारियों के पास वॢदयां न होने के कारण गीली बोरियों से खुद को ढंककर आग बुझाने के प्रयास में गई जानों के अलावा प्लास्टिक फैक्टरी के साथ लगती ऊंची बिल्डिंगों के जरिए आग बुझाने के प्रयास न करना प्रशासन की नाकामी झलकाता है। लुधियाना में 500 प्लास्टिक यूनिटों में मोल्डिंग, रोटो मोल्डिंग, प्लास्टिक पाइप, लिफाफे बनाने में रिसाइकिल और फ्रैश मैटीरियल के अलावा कैमिकल का भी इस्तेमाल होता है, जिसके बारे प्रशासन को उद्योगों को शिक्षित करना चाहिए, क्योंकि &0 हजार टन माल बनाने वाली इंडस्ट्री करोड़ों का सरकारी राजस्व में अहम योगदान देती है और इसकी सुरक्षा का इंतजाम भी होना जरूरी है, ताकि भविष्य में दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
लुधियाना में इंडस्ट्री विभाग के पास 51 हजार यूनिट हैं रजिस्टर्ड
जिला उद्योग केन्द्र के आंकड़ों के मुताबिक हालांकि लुधियाना में छोटे-बड़े 1 लाख से ऊपर यूनिट हैं लेकिन इनका विभाग के पंजीकरण ऑप्शनल होने की वजह से &1 मार्च 2017 तक एस.एस.आई, ई.एम. पार्ट 1 एंड 2, उद्योग आधार से जुड़े यूनिटों की गिनती करीब 51 हजार है। आई.पी.ओ. सतीश कुमार का कहना है कि जिन यूनिटों ने सबसिडी, विदेशों से मशीनरी आयात समेत सरकारी सुविधाएं का लाभ लेना होता है वही खुद को विभाग के पास रजिस्टर करवाते हैं। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड फैक्टरी में कैमिकल स्टोरेज की नहीं देता मंजूरीपी.पी.सी.बी. के लुधियाना चीफ प्रदीप गुप्ता का कहना है कि प्रदूषण विभाग विभिन्न उद्योगों में पॉल्यूशन पैरामीटर के आंकलन के आधार पर कन्सैन्ट जारी करता है, जबकि फैक्टरी में रखे जाने वाले या इस्तेमाल होने वाले विस्फोटक, 4वनशील पदार्थों और कैमिकल की मंजूरी पॉल्यूशन डिपार्टमैंट की ओर से नहीं जारी की जाती है।
इंडस्ट्री को उद्योग आधार से जोडऩे का अभियान जरूरी
जिला उद्योग केन्द्र के फंक्शनल मैनेजर एस.एस. रिखी के मुताबिक इंडस्ट्री को उद्योग आधार से जोडऩे से सभी सरकारी स्कीमों के लाभ मिलते हैं। सरकार की मुहिम के तहत उद्योग विभाग की ओर से सभी प्रमुख उद्योग संगठनों के माध्यम से सैमीनार का आयोजन लगातार किया जा रहा है, जिसमें आने वाले समय में इंडस्ट्री का पंजीकरण बढऩे से सटीक आंकड़े मिल सकेंगे।