Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Nov, 2017 03:30 PM
सूफियां चौक फैक्टरी अग्निकांड को आज करीब 3 दिन गुजर जाने के बाद भी इलाके के लोगों की आंखों में खौफ झलक रहा है। डर के इस आलम में अपनों से बिछड़ जाने की ङ्क्षचता अब दुआएं बन गई हैं कि कहीं फिर से कोई धमाका उनके घरों को भी राख के ढेर में न बदलकर रख दे,...
लुधियाना(खुराना): सूफियां चौक फैक्टरी अग्निकांड को आज करीब 3 दिन गुजर जाने के बाद भी इलाके के लोगों की आंखों में खौफ झलक रहा है। डर के इस आलम में अपनों से बिछड़ जाने की ङ्क्षचता अब दुआएं बन गई हैं कि कहीं फिर से कोई धमाका उनके घरों को भी राख के ढेर में न बदलकर रख दे, जिसके चलते जहां इलाके के बुजुर्ग गली-मोहल्लों में चारपाई डालकर बैठे हैं वहीं नौजवान भी कामकाज पर जाने को तैयार नहीं हैं। कहीं न कहीं उन्हें अब भी डर सता रहा है कि उनके मकानों में पड़ी गहरी दरारें उनके बच्चों को ही उनसे न छीन लें।
आज मौके पर पहुंची पंजाब केसरी की टीम ने इलाके में देखा तो घटनास्थल के नजदीक पड़ते घरों के दरवाजों पर ताले लटक रहे थे और लोग घरों से बाहर निकलकर गली-मोहल्लों व पार्कों का सहारा ले रहे थे। वहीं कुछ घरों के दरवाजे खुले ही पड़े हुए थे, जिनमें सामान के साथ-साथ टूटी हुई दीवारों का मलबा भी बिखरा पड़ा नजर आया। ढूंढने पर घर के मालिक ने बताया कि सोमवार को हुई घटना के बाद से ही वे अपने घरों में वापस नहीं लौटे हैं। हादसाग्रस्त फैक्टरी में हुआ जोरदार धमाका व गिरने वाला लैंटर उनके परिवारों के लिए किसी भूकम्प से कम डर का अहसास नहीं था, जिससे उन्हें पूरी तरह से विचलित करके रख दिया है। उन्होंने बताया कि धमाके कारण उनकी इमारतें खोखली हो चुकी हैं, जिसे लेकर बचाव कार्यों में जुटे कर्मियों ने उन्हें वापस घरों में न लौटने की चेतावनी दे रखी है।
जब तक खतरा नहीं टल जाता तब तक नहीं जाएंगे काम पर
गौरतलब है कि घटनास्थल इलाके के आसपास पड़ते क्षेत्रों में रहने वाले अधिकतर परिवार दिनभर मेहनत-मजदूरी करके अपने परिवारों का पेट पालते हैं। ऐसे ही कुछ लोगों ने बातचीत दौरान कहा कि वे साइकिल पर गली-गली फेरी लगाकर कपड़े बेचने का काम करते हैं, लेकिन जब से इलाके में घटना घटी है तब से वे काम पर नहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में वे अपने बच्चों को अपनी आंखों के सामने हंसते-खेलते हुए देख तो रहे हैं। उन्हें इसी बात का सुकून है इसलिए जब तक खतरा पूरी तरह से टल नहीं जाता तब तक वे अपने काम पर नहीं जाएंगे।
तंदूर के रूप में बदली इमारत को देख दहल रहे लोग
अग्निकांड की भेंट चढ़ी 6 मंजिला हादसाग्रस्त इमारत से थम-थमकर सुलग रही आग की लपटें अब इमारत को तंदूर के रूप में बदल रही हैं, जिसे देखकर लोग पूरी तरह से दहल रहे हैं। उन्हें अभी भी कहीं न कहीं डर सता रहा है कि कहीं इमारत में शायद कैमिकल के ड्रम न मलबे के नीचे दबे हुए हों, जिससे फिर से धमाका हो जाए और कोई अन्य व्यक्ति मौत के आगोश में समा जाए।