Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Jan, 2018 10:03 AM
सुफियां चौक स्थित फैक्टरी हादसे में मारे गए लोगों को मिलने वाले मुआवजे को लेकर उनके परिजनों का इंतजार डेढ़ महीने बाद भी खत्म नहीं हुआ है।यहां बताना उचित होगा कि 20 नवम्बर को सुबह आगजनी की घटना होने के कुछ घंटे बाद ही अमरसन पोलीमर्स की बिल्डिंग धमाके...
लुधियाना(हितेश) : सुफियां चौक स्थित फैक्टरी हादसे में मारे गए लोगों को मिलने वाले मुआवजे को लेकर उनके परिजनों का इंतजार डेढ़ महीने बाद भी खत्म नहीं हुआ है।यहां बताना उचित होगा कि 20 नवम्बर को सुबह आगजनी की घटना होने के कुछ घंटे बाद ही अमरसन पोलीमर्स की बिल्डिंग धमाके के साथ मलबे के ढेर में तबदील हो गई थी। जिस कारण वहां बचाव कार्यों में लगे भावाधस नेता लक्ष्मण द्रविड़ व बाकी लोग मलबे के बीच में ही फंसकर रह गए थे। जिनमें से 2 लोगों को ही जिंदा बचाया जा सका था। जबकि पहले और दूसरे दिन फायर ब्रिगेड कर्मियों सहित 13 लोगों के शव बरामद हुए।
इस दौरान मौके का जायजा लेने पहुंचे सी.एम. कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने मृतकों के परिजनों को नौकरी व मुआवजा देने का ऐलान किया था। लेकिन तीन फायर ब्रिगेड कर्मियों का कोई सुराग न मिलने के कारण सरकार के इस फैसले पर अब तक अमल नहीं हो पाया है। इन मुलाजिमों की तलाश में हादसे से एक हफ्ते बाद तक मलबा हटाने की मुहिम चलाई गई और फिर डी.सी., पुलिस कमिश्नर, निगम कमिश्नर ने मौके पर जाकर उन मुलाजिमों को अनट्रेस डिक्लेयर किया। जहां तक उनको डैड डिक्लेयर करने का सवाल है, उसके लिए एस.डी.एम. की अगुवाई में बनी कमेटी ने उन मुलाजिमों को ड्यूटी पर भेजने वाले अफसरों, उस समय साथ काम कर रहे मुलाजिमों व परिजनों के बयानों के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर दी।
अब बाकी तीन मुलाजिमों को डैड डिक्लेयर करके सर्टीफिकेट देने के एक हफ्ता बाद भी मुआवजा मिलने की कोई खबर नहीं है। जिस कारण उनके परिजन भारी आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं। क्योंकि उनके परिवार का कमाने वाला मुखिया जा चुका है और सर्विस ड्यूज भी मिलने रहते हैं। नगर निगम कमिश्नर ने यह सारी प्रक्रिया 15 दिन में निपटाने की डैडलाइन तय करके आला अफसरों की अगुवाई में कमेटी बनाई थी, अफसरों की रिपोर्ट के बाद बने चैक काफी समय बीतने के बावजूद अब तक सही हाथों में नहीं पहुंच पाए हैं।