Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Nov, 2017 01:28 PM
इंडस्ट्रीयल एरिया-ए में पड़ते सूफियां बाग चौक के नजदीक प्लास्टिक के लिफाफे बनाने वाली एमर्सन पॉलिमर फैक्टरी में आगजनी पर काबू पाते समय बिल्डिंग के नीचे दबने से मरे फायरकर्मी और फैक्टरी वर्करों की गिनती 13 पर पहुंच गई। जले और कटे शव निकलने का सिलसिला...
लुधियाना(ऋषि): इंडस्ट्रीयल एरिया-ए में पड़ते सूफियां बाग चौक के नजदीक प्लास्टिक के लिफाफे बनाने वाली एमर्सन पॉलिमर फैक्टरी में आगजनी पर काबू पाते समय बिल्डिंग के नीचे दबने से मरे फायरकर्मी और फैक्टरी वर्करों की गिनती 13 पर पहुंच गई। जले और कटे शव निकलने का सिलसिला शुरू होते ही लोगों में डर का माहौल पैदा होने लगा, बचाव कार्य में जुटी टीम को मलबे में से मांस की दुर्गंध आने लगी है। 40 घंटे गुजर जाने पर भी बिल्डिंग के अंदर से आग की लपटें बाहर निकल रही हैं।
उधर मंगलवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह घटनास्थल पर जायजा लेने पहुंचे। जिलाधीश प्रदीप अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर आर.एन. ढोके के साथ मौके के हालात देख उन्होंने तुरंत इमारत बनाने के लिए दी गई एन.ओ.सी. का पता लगाने के लिए पटियाला डिवीजनल कमिश्नर को जांच के आदेश दिए और चंद दिनों में रिपोर्ट मांगी है। बाद दोपहर पहुंचे कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने घटनास्थल पर पीड़ित परिवारों से बातचीत की और उन्हें आश्वासन दिया कि जो लोग मलबे के नीचे दबे हुए हैं, उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।
इसी के साथ उन्होंने हादसे में मरे प्रत्येक फायर कर्मी के पारिवारिक सदस्यों को राज्य सरकार व नगर निगम की तरफ से मिलाकर 10-10 लाख रुपए की आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का ऐलान किया है। इसके अलावा मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए का मुआवजा देने के साथ-साथ घायलों के इलाज का सारा खर्च सरकार की तरफ से उठाए जाने की बात कही है। इसी के साथ उन्होंने स्पष्ट किया कि इस हादसे के जिम्मेदार किसी भी अधिकारी से लेकर कर्मी को बख्शा नहीं जाएगा।