Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Aug, 2017 10:43 AM
लवली प्रोफैशनल यूनिवर्सिटी के कैमिस्ट्री विभाग के रिसर्च वैज्ञानिकों डा. तनय प्रमानिक तथा डा. रिचा गुप्ता ने कठोर जल को पेयजल में
जालंधर (दर्शन): लवली प्रोफैशनल यूनिवर्सिटी के कैमिस्ट्री विभाग के रिसर्च वैज्ञानिकों डा. तनय प्रमानिक तथा डा. रिचा गुप्ता ने कठोर जल को पेयजल में बदलने के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण, इको-फ्रैंडली तथा कॉस्ट-इफैक्टिव हल खोज निकाला है।
एल.पी.यू. के वैज्ञानिकों ने सिद्ध कर दिखाया कि सुगमता से बहुतायत में उपलब्ध प्राकृतिक चीजों से कठोर जल को पेयजल में बदला जा सकता है। उनके इस नवीनता उन्मुख रिचर्स वर्क के प्रति पेटैंट फाइल करवाया गया। एल.पी.यू. के वैज्ञानिक आशावादी हैं कि इस खोज के आधार पर आधारित, तैयार किए जाने वाला बॉयो-फिल्टर आखिरकार मार्कीट में उपलब्ध बेशकीमती उपकरणों को बदल डालेगा। ऐसा भी अनुमान लगाया जा रहा है कि निकट भविष्य में एल.पी.यू. के वैज्ञानिकों द्वारा जल सुधार किट वैश्विक समाज को कठोरता मुक्त जल नि:शुल्क भी प्रदान कर सकता है।
एल.पी.यू. के चांसलर अशोक मित्तल ने यूनिवर्सिटी के नवीनता उन्मुख वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए उन्हें प्रेरित किया कि वे समाज की भलाई के लिए इस तरह के कठिन परिश्रम वाले प्रयास सदैव जारी रखें।
उल्लेखनीय है कि आम तौर पर पहाड़ों-चट्टानों में से निकले जल में घुले कैल्शियम व मैगनीशियम के लवण विशेष तौर पर मानवों को तथा आम तौर पर अन्य जीवों को अत्यंत दुष्प्रभावित करते हैं। पीने के पानी की तो बात ही बहुत दूर है यहां तक कि कठोर जल साफ-सफाई करने या फिर नहाने के लिए भी दुष्प्रभाव रहित प्रयोग नहीं
किया जा सकता।