Edited By Updated: 22 Jan, 2017 08:55 AM
एक तरफ जहां आजादी के बाद देश पर राज करने वाली प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने समय-समय पर देश के समूचे नागरिकों को घर समेत अन्य मूलभूत सहूलियतें मुहैया करवाने के लिए बड़े-बड़े दावे किए लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि अभी देश में लाखों लोग गरीबी रेखा से नीचे...
मोगा (पवन ग्रोवर): एक तरफ जहां आजादी के बाद देश पर राज करने वाली प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने समय-समय पर देश के समूचे नागरिकों को घर समेत अन्य मूलभूत सहूलियतें मुहैया करवाने के लिए बड़े-बड़े दावे किए लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि अभी देश में लाखों लोग गरीबी रेखा से नीचे अपनी जिंदगी का निर्वाह बड़ी कठिनाइयां झेलते हुए करते हैं। यही नहीं गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले कई लोगों के अंदर काम के चलते पेट की अग्नि शांत करने का इतना बड़ा जज्बा है कि वे अपने राज्यों को छोड़कर अन्य स्थानों पर भी परिवारों समेत काम की तलाश में चले जाते हैं ताकि दो समय की रोजी-रोटी का जुगाड़ हो सके।
‘पंजाब केसरी’ द्वारा एकत्रित की जानकारी के अनुसार मोगा की अनाज मंडी में भी राजस्थानी के पाली जिले से कामकाज की तलाश में दर्जनों ऐसे परिवार आए हैं जो पंजाब के इस मालवा क्षेत्र में अपने छोटे-मोटे काम चलाकर अपने परिवारों का पालन-पोषण करते हैं। इन परिवारों का कहना है कि वे हर वर्ष सर्दी के मौसम के दौरान तब परिवारों समेत कूच कर आते हैं, जब राजस्थान में काम की कमी आने कारण कोई रोजगार नहीं चलता। राजस्थान से आई एक महिला विद्या का कहना है कि चाहे सर्दी के मौसम में पौष-माघ की रातों में खुली अनाज मंडी में रहना बेहद जोखिम भरा काम है लेकिन राजस्थान से आए परिवारों के पास इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं है।
उन्होंने कहा कि वह पंजाब आकर सिलाई-कढ़ाई का काम करने के अलावा पेंटिंग से कुछ ऐसी वस्तुएं बनाकर भी बेचती हैं जिनको पंजाबी लोग अपने व्हीकलों पर भी लगाते हैं।उन्होंने कहा कि ठंड से बचने के लिए रात के समय आग जलाकर उसका सहारा लिया जाता है। उन्होंने दुखी मन से बताया कि अपने घर को छोडऩा तो कठिन होता है लेकिन क्या करें पेट की खातिर सबकुछ छोडऩे को विवश होना पड़ता है। एक अन्य महिला ने कहा कि वह अपनी जिंदगी से निराश नहीं हैं बल्कि हाथ से मेहनत करने को पहल देने के चलते ठंड के दिनों में भी सख्त मेहनत करके ही अपने परिवारों का पालन-पोषण करते हैं। उन्होंने मांग की कि देश की सरकार को चाहिए कि भारत में दिन-ब-दिन बढ़ रही गरीबी तथा अमीरी की दरार को कंट्रोल करके आम व्यक्ति को मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए उचित कदम उठाए जाएं ताकि भारत का हर निवासी अपनी जिंदगी का सही ढंग से निर्वाह कर सके।