Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Oct, 2017 11:11 PM
गुजरात में विधानसभा के आम चुनावों के लिए अभी तक केंद्रीय चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान नहीं किया है,परन्तु कांग्रेस की नजरें 67 शहरी व 20 कस्बों वाली सीटों पर टिकी हुई हैं। इन सीटों पर कांग्रेस द्वारा नोटबंदी व जी.एस.टी. के मुद्दों को मध्यमवर्ग व...
जालन्धर(धवन): गुजरात में विधानसभा के आम चुनावों के लिए अभी तक केंद्रीय चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान नहीं किया है,परन्तु कांग्रेस की नजरें 67 शहरी व 20 कस्बों वाली सीटों पर टिकी हुई हैं।
इन सीटों पर कांग्रेस द्वारा नोटबंदी व जी.एस.टी. के मुद्दों को मध्यमवर्ग व व्यापारी वर्ग के सामने उठाया जाएगा। इसके लिए 100 वार्ड स्तरीय बैठकें करने की योजना पर काम चल रहा है। छोटी व बड़ी कुल 87 शहरी सीटों पर माइक्रोमैनेजमैंट रणनीति अपनाने पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है। कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी को रणनीतिकारों ने यही सलाह दी है कि भाजपा क्षेत्रों में सेंध लगाने के लिए 67 शहरी व 20 छोटी विधानसभा सीटों पर ध्यान केन्द्रित किया जाए। इस समय कांग्रेस के पास 46 बड़े शहरों में आती विधानसभा सीटों में से 4 सीटें हैं, जबकि भाजपा के पास 42 सीटें हैं। ये सीटें अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, गांधीनगर, वड़ोदरा व भाव नगर के आसपास पड़ती थीं। 2012 में भाजपा ने सूरत में 15, अहमदाबाद में 15 तथा राजकोट में 3 सीटों पर जीत हासिल की थी।
कांग्रेस ने दूसरी तरफ अब गुजरात में व्यापारियों व उद्यमियों के अलावा युवा वर्ग को अपनी तरफ आकॢषत करने की रणनीति बनाई हुई है। कांग्रेस ने रणनीति बनाई है कि पहले चरण में वह वार्ड अनुसार बैठकें करेगी। कांग्रेस ने 18 से 30 वर्ष आयु के नौजवानों को निशाना बनाने का निर्णय लिया है। राज्य में बढ़ी बेरोजगारी का मुद्दा भी पार्टी उठाने जा रही है। कांग्रेस अपने चुनावी घोषणा पत्र में लड़कियों के लिए नर्सरी से पोस्ट ग्रैजुएशन तक मुफ्त शिक्षा का ऐलान भी करने जा रही है। कांग्रेस द्वारा आॢथक रूप से पिछड़े परिवारों के बच्चों के लिए एक लाख तक स्कॉलरशिप देने की भी योजना तैयार की गई है।