Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Jul, 2017 01:52 PM
हलका वाइज विकास कार्यों में सिंगल टैंडरों की अलॉटमैंट को लेकर चल रही कार्रवाई के तहत एक के बाद एक करके सामने आ रहे पहलुओं के मद्देनजर
लुधियाना (हितेश): हलका वाइज विकास कार्यों में सिंगल टैंडरों की अलॉटमैंट को लेकर चल रही कार्रवाई के तहत एक के बाद एक करके सामने आ रहे पहलुओं के मद्देनजर पिछले 2 साल के केसों की जांच होगी, जिसकी सिफारिश चीफ विजीलैंस अफसर ने लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू को कर दी है।
कांग्रेस सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग में यह कहकर हलका वाइज विकास कार्यों के लिए पहले से जारी फंड के खर्च पर रोक लगा दी थी कि फिजूलखर्ची, क्वालिटी कंट्रोल नियमों के पालन व अलॉटमैंट में हुई धांधली की जांच की जाएगी। लेकिन जांच पूरी न होने के चक्कर में नए विकास कार्य तो क्या शुरू होने थे, पुराने काम भी अधर में लटक गए। जिसे लेकर विपक्ष के बढ़ते दबाव के बीच कांग्रेस ने जहां नगर निगम के चुनाव आगे टालने का ऐलान किया। वहीं, अकाली-भाजपा सरकार द्वारा विधानसभा चुनावों में सियासी लाभ लेने के लिए विकास कार्य करवाने की आड़ में नियमों की धज्जियां उड़ाने का खुलासा किया। इसके तहत नवजोत सिद्धू ने सिंगल टैंडरों की अलॉटमैंट के आरोप में 3 नगर निगमोंं के 4 सुपरिंटैंडैंट इंजीनियरों को सस्पैंड कर दिया और एफ. एंड सी.सी. या जनरल हाऊस की मंजूरी के बिना पैसा खर्च करने वाले 3 पूर्व नगर निगम कमिश्नरों के खिलाफ चार्जशीट जारी कर दी।
इस मामले में पहले तो सुपरिंटैंडैंट इंजीनियरों ने सिंगल टैंडर स्वीकार करने बारे सरकार द्वारा ही 2011 में आदेश जारी करने का हवाला देते हुए अपने खिलाफ हुई कार्रवाई का विरोध किया। कांग्रेसी विधायकों की शरण लेकर सिद्धू से राहत की गुहार लगाई। जिसे लेकर पंजाब केसरी द्वारा पहले ही खुलासा किया जा चुका है कि अधिकारी जो सरकार के नियमों मुताबिक ही सिंगल टैंडर स्वीकार करने का राग अलाप रहे हैं। उसी पत्र में यह भी लिखा है कि टैंडरों के रेट पहले से चल रहे कार्यों के मुकाबले वाजिब होने चाहिएं। इसके अलावा एक्ट में सिर्फ 25 हजार की पावर होने के बावजूद कमिश्नरों ने एफ. एंड सी.सी. या जनरल हाऊस की मंजूरी के बिना कई 100 करोड़ खर्च कर दिए जबकि पी.आई.डी.बी. द्वारा ग्रांट देने संबंधी जारी गाइडलाइंस में सभी नियमों का पालन करने के आदेश दिए हुए हैं।
सिंगल टैंडर स्वीकार करने बारे तय होगी नई गाइडलाइंस
उपरोक्त पहलुओं के मद्देनजर सी.वी.ओ. ने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसमें साफ लिखा है कि पिछले समय दौरान सिंगल टैंडरों की अलॉटमैंट के चलते सरकार को काफी वित्तीय नुक्सान हुआ है। इसके चलते 2 साल पुराने विकास कार्यों की जांच करने की जरूरत है। सी.वी.ओ. ने अपनी रिपोर्ट में आगे के लिए सिंगल टैंडर स्वीकार करने बारे नियम बदलने की सिफारिश भी की है। इसके मुताबिक 5 से कम ठेकेदार होने पर ही टैंडर अलॉटमैंट को लेकर नई गाइडलाइंस तय होनी चाहिए और 3 टैंडर आने पर ही फाइनांशियल बिड खोली जाए।
सिद्धू के तेवरों के सामने निकली इंजीनियरों के अल्टीमेटम की हवा
हलका वाइज विकास कार्यों में सिंगल टैंडरों की अलॉटमैंट के आरोप में सस्पैंड किए सुपरिंटैंडैंट इंजीनियरों को बहाल करने की मांग को लेकर दिया गया अल्टीमेटम खत्म होने के बाद नगर निगम की यूनियनों ने हड़ताल या प्रदर्शन करने बारे अगला कोई भी ऐलान करने से पैर पीछे खींच लिए हैं। इसे लेकर कहा जा रहा है कि यूनियन ने अगली रणनीति तय करने के लिए मीटिंग बुलाई थी, जिसमें सस्पैंड एस.ईज शामिल ही नहीं हुए। जिन्होंने यह कहा है कि निजी सुनवाई संबंधी मीटिंग में सिद्धू ने 10 दिन में फैसला लेने की बात कही है। जिस समय तक वह कोई संघर्ष नहीं करना चाहते। इससे सिद्धू की नाराजगी भारी पड़ सकती है। जिस पर यूनियन भी सहमत हो गई।