बिल्डिंग ब्रांच को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए सिद्धू की पहल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Aug, 2017 01:27 PM

local body minister navjot singh sidhu

लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू द्वारा नगर निगमों की बिल्डिंग ब्रांच से भ्रष्टाचार खत्म करने बारे बनाई योजना के तहत नक्शे पास

लुधियाना (हितेश): लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू द्वारा नगर निगमों की बिल्डिंग ब्रांच से भ्रष्टाचार खत्म करने बारे बनाई योजना के तहत नक्शे पास करने का काम अगले महीने से ऑनलाइन हो जाएगा। पंजाब में अवैध निर्माणों की भरमार लगी होने की समस्या को लेकर सिद्धू काफी परेशान हैं। सिद्धू के मुताबिक इस समय 90 फीसदी बिल्डिंगों के नक्शे पास नहीं हैं। जिन बिल्डिंगों के मालिक नक्शा पास करवाने में काफी समस्या आने का हवाला दे रहे हैं, उसके तहत सिद्धू पहले ही दिन से ही नक्शे पास करने के लिए ऑनलाइन सिस्टम लागू करने पर जोर दे रहे हैं।सिद्धू ने अपने इस ड्रीम प्रोजैक्ट को लेकर पिछले दिनों पंजाब की सभी नगर निगमों के बिल्डिंग ब्रांच अफसरों की मीटिंग बुलाकर साफ कर दिया है कि अवैध निर्माण किसी कीमतपर सहन नहीं किए जाएंगे। इसके तहत पहले नक्शे पास करने में आ रही दिक्कत दूर करना जरूरी है। उसके लिए हर हाल में सितम्बर तक ऑनलाइन सिस्टम लागू करने का टारगेट रखा गया है। इस संबंधी सॉफ्टवेयर तैयार करने के लिए अनुबंधित की गई कम्पनियों ने नगर निगम में पहुंचकर अपना काम शुरू कर दिया है और अफसर अगले 15 दिनों के भीतर ट्रायल शुरू होने का दावा कर रहे हैं। 

इस आधार पर बनेगा सॉफ्टवेयर
कम्पनी ने सॉफ्टवेयर बनाने के लिए निगम से जो डाटा लिया है। उसमें नक्शा जमा होने से पास करने तक की सारी प्रक्रिया शामिल है। इसी तरह बिल्डिंग बायलाज, फीसों व जुर्माने से जुड़े पहलू भी इकट्ठे किए गए हैं। उसके मुताबिक नक्शा नियमों मुताबिक बना होने व फीस की कैलकुलेशन सही होने बारे साफ्टवेयर के जरिए खुद-ब-खुद ही चैकिंग हो जाएगी। 

अवैध निर्माणों की चैकिंग करने में होगी आसानी
इस समय हो रहे अवैध निर्माणों की वजह से निगम को राजस्व का नुक्सान पहुंचने सहित मास्टर प्लान व बिल्डिंग बायलाज की धज्जियां उड़ रही हैं। इस प्रक्रिया के दौरान जब भी निगम कर्मी कहीं अवैध निर्माण की चैकिंग करने पहुंचते हैं तो बिल्डिंग मालिक से नक्शा पास होने बारे जवाबतलबी की जाती है। जो बिल्डिंग मालिक कई दिनों तक निगम कर्मियों को इसी चक्कर में उलझाए रखता है और निगम के पास रिकार्ड न अपडेट होने कारण निगम कर्मियों को भी दिक्कत होती है। 

आर्कीटैक्टों की बढ़ेगी जिम्मेदारी 
ऑनलाइन सिस्टम के तहत लोगों को मंजूरशुदा आर्कीटैक्टों के जरिए अपना नक्शा निगम के पास जमा करवाना होगा। जो सर्टीफाई करेंगे कि नक्शा बिल्डिंग बायलाज के मुताबिक बनाया गया है। यहां तक कि नक्शा पास होने के बाद भी नियमों के मुताबिक बिल्डिंग बनना यकीनी बनाने की जिम्मेदारी आर्कीटैक्टों की होगी।

बिना वजह एतराज नहीं लगा सकेंगे अफसर
लोगों का आरोप है कि रिश्वत दिए बिना नक्शा पास करवाने से संबंधित कोई भी काम करवाना मुश्किल है क्योंकि ऐसा न करने वालों की फाइलों पर बिना वजह एतराज लगाकर परेशान किया जाता है। लेकिन नए सिस्टम के तहत यह संभव नहीं होगा क्योंकि सॉफ्टवेयर के जरिए नक्शों की चैकिंग होगी और जो कोई सुधार की जरूरत होगी, उस बारे में आवेदनकत्र्ता को सूचित कर दिया जाएगा।

डैडलाइन पहले से कम करके अफसरों पर बढ़ेगी सख्ती 
इस समय राइट-टू-सर्विस एक्ट के तहत रिहायशी नक्शे के लिए एक महीना तथा कमर्शियल नक्शे पास करने के लिए दो महीने की डैडलाइन तय है। इसके भीतर भी नक्शे पास होने की जगह दोगुना समय बीतने के बाद भी नगर निगम में पड़े रहते हैं। अब ऑनलाइन सिस्टम लागू करने पर यह समय सीमा रिहायशी के लिए 10 व कमर्शियल नक्शों के लिए 20 दिन हो जाएगी। 

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