Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jun, 2017 07:57 AM
किसी विभाग या संस्था पर आम लोगों द्वारा भ्रष्टाचार जैसे आरोप लगाना सामान्य बात है, लेकिन अगर उस विभाग या संस्था पर संस्था का चेयरमैन जैसा प्रमुख व्यक्ति ही ऐसे आरोप लगाए तो उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
शाहकोट(मरवाहा, त्रेहन) : किसी विभाग या संस्था पर आम लोगों द्वारा भ्रष्टाचार जैसे आरोप लगाना सामान्य बात है, लेकिन अगर उस विभाग या संस्था पर संस्था का चेयरमैन जैसा प्रमुख व्यक्ति ही ऐसे आरोप लगाए तो उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। शाहकोट के गांव कनिया कलां की सरकारी गऊशाला की ईमारत के निर्माण से असंतुष्ट पंजाब गऊ कमिशन के चेयरमैन कीमती भगत पिछले लगभग 7 माह से आरोप लगाकर जांच का आदेश भी दे चुके हैं, लेकिन अभी तक उसकी रिपोर्ट न आने से यह मामला गहराता जा रहा है।
चेयरमैन कीमती भगत 23 दिसम्बर 2016 को जब उक्त गऊशाला का दौरा करने के लिए आए थे तो उन्होंने ईमारत के निर्माण कार्य को देखकर असंतोष व्यक्त किया था तथा उस समय के एस.डी.एम. को जांच का आदेश दिया था कि अगर इसमें भ्रष्टाचार का मामला सामने आता है तो आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। 7 महीने पश्चात 25 जून को जब चेयरमैन दोबारा यहां आए तो उक्त एस.डी.एम. का तबादला हो चुका था। अभी तक न तो कोई जांच हुई और न ही कोई कार्रवाई। चेयरमैन कीमती भगत ने ईमारत के निर्माण के साथ ही गऊशाला में लगी लाइटों में भी घपले का आरोप लगाते हुए बताया कि जो लाइट मात्र 20 हजार की भी नहीं है, उसे 2 लाख रुपए में लगाया गया है।
इससे बड़ा भ्रष्टाचार और क्या होगा? अब चेयरमैन कीमती भगत ने एस.डी.एम. शाहकोट को कहा कि यहां हुए घपले की तुरंत जांच करवा कर रिपोर्ट भेजे। अगर पूरी रकम निर्माण कार्य पर खर्च होती तो क्षेत्र में घूम रहा सारा गऊधन गऊशाला में होता। आज शाम पत्रकारों ने गऊशाला का दौरा किया तो वहां मौजूद सेवादारों ने बताया कि जब गायों को चारा डालते हैं तो सांड गायों को चारा खाने नहीं देते। जब तक सांडों को अलग नहीं किया जाता यह समस्या पूरी तरह हल नहीं होगी। गऊशाला के प्रबंधक बलजीत सिंह ने बताया कि आज सेवादारों की संख्या बढ़ाई गई है ताकि गऊधन को समय पर पूरी मात्रा में चारा डाला जा सके।