Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Oct, 2017 05:07 PM
रेप केस में फंसे अकाली दल के पूर्व मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह का राजनीतिक और निजी जीवन भी अब साफ-सुथरा नहीं रहा। लंगाह पुलिस के रिकार्ड में एक ''बैड करैक्टर'' माने जाते हैं। इसी कारण 1992 में जालंधर में स्थित पासपोर्ट दफ्तर ने उनका पासपोर्ट नहीं बनाया...
जालंधरः रेप केस में फंसे अकाली दल के पूर्व मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह का राजनीतिक और निजी जीवन भी अब साफ-सुथरा नहीं रहा। लंगाह पुलिस के रिकार्ड में एक 'बैड करैक्टर' माने जाते हैं। इसी कारण 1992 में जालंधर में स्थित पासपोर्ट दफ्तर ने उनका पासपोर्ट नहीं बनाया था।
साल 1997 में बादल सरकार में पी. डबल्यू. डी. मंत्री बनने के एक साल बाद फर्ज़ी दस्तावेज के आधार पर के पासपोर्ट हासिल करने पर उनको एयरपोर्ट अथॉरिटी ने 'रिस्क फार फ्लाइट' ऐलान किया था। पुलिस रिकार्ड में 1972 से लेकर10 सितम्बर 2002 तक का सफर उनके काले चिट्ठों से भरा पड़ा है। नियमों के अंतर्गत गठित समिति की सिफारिश पर उनकी हिस्ट्रीशीट फाइल में तबदील हो गई थी। आपको बता दें कि लंगाह ने शनिवार को आत्मसमर्पण नहीं किया। हालांकि उन्होंने खुद दावा किया था कि वह कोर्ट में आत्मसमर्पण करेंगे। पुलिस दिन भर छापेमारी करती रही। इस दौरान पुलिस की कोशिश थी कि वह लंगाह को पहले ही गिरफ्तार कर लें।