Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Aug, 2017 08:09 AM
पुलिस थाना लोपोके के अधीन आते गांव टपियाला में 95 गरीब मजदूरों के प्लाटों को खाली करवाने को लेकर चला आ रहा विवाद उस समय खूनी रूप धारण कर गया जब एक गुट ने हथियार बंद 300 से अधिक व्यक्तियों की सहायता से हमला.....
चौगावां/अमृतसर(हरजीत, स.ह.): पुलिस थाना लोपोके के अधीन आते गांव टपियाला में 95 गरीब मजदूरों के प्लाटों को खाली करवाने को लेकर चला आ रहा विवाद उस समय खूनी रूप धारण कर गया जब एक गुट ने हथियार बंद 300 से अधिक व्यक्तियों की सहायता से हमला करके धरने पर बैठे मजदूरों के करीब 20 घरों को गिरा दिया व सामान लूट लिया तथा कई मकानों को आग लगा दी।
इस दौरान गोलियां चली व ईंटों-पत्थरों की बरसात हुई जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए। घटना संबंधी गांव के सरपंच जगतार सिंह, कामरेड विरसा सिंह व अन्य ने बताया कि 1974 में 95 गरीब मजदूरों को केन्द्र तथा पंजाब सरकार की तरफ से 5-5 मरले के प्लाट अलाट किए गए थे। इन प्लाटों पर पिछले लगभग 30 वर्षों से 20 लोग अपने घर बनाकर रह रहे थे। एक साजिश के तहत उक्त प्लाटों के निकट ही स्थित पैलेस में 300 से अधिक हथियारबंद व्यक्ति एकत्रित हुए।
सरपंच जगतार सिंह व विरसा सिंह ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने पुलिस थाना लोपोके को भी सूचित किया, परंतु पुलिस की ढीली कार्यशैली के चलते उक्त हथियारबंद लोगों जिनकी अध्यक्षता भजन सिंह, अनूप सिंह, अमनदीप सिंह, बिल्लू व बुट्टा नाथ कर रहे थे, ने इन प्लाटों पर घर बनाकर रह रहे लोगों पर हमला कर दिया। इन हमलावरों ने उक्त लोगों को पीटने के साथ-साथ कृपाणों, दातरों व अन्य तेजधार हथियारों से घायल करने के साथ गोलियां भी चलाईं तथा जे.बी.सी. की सहायता से घर गिरा दिए और सामान लूट लिया। घटना दौरान सुक्खा सिंह (40) पुत्र साधा सिंह की गोली लगने से मौत हो गई।
जबकि 10 अन्य लोग घायल हो गए। पीड़ितों ने आरोप लगाया कि यह सारी घटना थाना लोपोके के अधिकारी की मौजूदगी में हुई। घटना की सूचना मिलने पर जिला देहाती एस.एस.पी., एस.पी.डी. तथा डी.एस.पी. मौके पर पहुंचे और घटनास्थल जायजा लिया व आरोपियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
कोर्ट के आदेश पर भी मजदूरों ने नहीं छोड़ा था कब्जा
इस 22 कनाल 15 मरले जमीन का मालिकाना हक गांव की ही निवासी सुखबीर कौर के पास है। इस जमीन का अधिग्रहण होने के कुछ साल बाद सुखबीर कौर के परिवार ने कोर्ट में केस कर दिया कि उन्होंने कोई जमीन सरकार को नहीं बेची है बल्कि उनके नाम पर कोई फ्राड व्यक्ति ही जमीन का सौदा सरकार के साथ कर गया है। इसके तहत केस कई सालों तक निचली अदालत में चलता रहा। कुछ साल पहले निचली अदालत ने सुखबीर कौर के हक में फैसला देते हुए जमीन पर कब्जा करने के आदेश दिए लेकिन विभिन्न मजदूर यूनियनों के सदस्य जमीन न छोडऩे पर अड़ गए व मामला सैशन कोर्ट में चला गया।
वहां से भी सुखबीर कौर के हक में 2016 में फैसला सुनाया गया, बावजूद इसके मजदूर यूनियन के सदस्य अड़े रहे और केस पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चला गया। जून 2017 में हाईकोर्ट ने भी फैसला सुखबीर कौर के हक में दिया और पुलिस को कब्जा दिलवाने के लिए कहा। इसी दौरान 11 मजदूर यूनियन के सदस्य उस जमीन पर धरना लगा कर बैठ गए। कोर्ट का बेलिफ 2 बार पुलिस को लेकर कब्जा दिलवाने के लिए आया, मगर मजदूरों ने कब्जा नहीं छोड़ा व पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा।
कांग्रेस सरकार गुंडागर्दी पर उतरी : सतनाम व रणवीर
घटना की जम्हूरी किसान सभा के राज्य सचिव सतनाम सिंह अजनाला व शिरोमणि अकाली दल यूथ के महासचिव राणा रणवीर सिंह ने कड़े शब्दों में ङ्क्षनदा करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार गुंडागर्दी पर उतर आई है तथा बदले की भावना से गरीबों और अकाली वर्करों से धक्केशाही की जा रही है।