Edited By Updated: 17 Jan, 2017 12:17 PM
15 वर्ष पुराने किडनी प्रकरण संबंधी मामले में उस समय नया मोड़ आया, जब कथित आरोपी एक डाक्टर पी.के. जैन द्वारा दायर की गई एक याचिका को स्थानीय अतिरिक्त जिला एवं सैशन जज हरप्रीत कौर रंधावा की अदालत ने खारिज कर दिया। याचिका में डा. जैन की तरफ से उनके...
अमृतसर(महेन्द्र): 15 वर्ष पुराने किडनी प्रकरण संबंधी मामले में उस समय नया मोड़ आया, जब कथित आरोपी एक डाक्टर पी.के. जैन द्वारा दायर की गई एक याचिका को स्थानीय अतिरिक्त जिला एवं सैशन जज हरप्रीत कौर रंधावा की अदालत ने खारिज कर दिया। याचिका में डा. जैन की तरफ से उनके कौंसिल ने अभियोजन पक्ष के गवाह बने पूर्व सिविल सर्जन डा. अजायब सिंह संधु को गवाही के लिए दोबारा अदालत में बुलाने के लिए आग्रह किया था।
उल्लेखनीय है कि स्थानीय थाना डी डिवीजन की पुलिस ने करीब 15 वर्ष पहले डा. प्रवीण कुमार सरीन सहित कुल 14 कथित आरोपियों के खिलाफ किडनी को गैर-कानूनी तरीके से ट्रांसप्लांटेशन करने के आरोप में मुकद्दमा नंबर-101/2002 दर्ज किया था। इस मामले की सुनवाई स्थानीय अतिरिक्त जिला एवं सैशन जज हरप्रीत कौर रंधावा की अदालत में चल रही है, जिसमें अभियोजन पक्ष की गवाहियां चल रही हैं।
इस मामले में अभियोजन पक्ष ने पूर्व सिविल सर्जन डा. अजायब सिंह संधु की भी गवाही करवा रखी थी, लेकिन कथित आरोपी डा. पी.के. जैन के कौंसिल ने बचाव पक्ष के कौंसिल के तौर पर अदालत से अनुरोध किया था कि इस मामले में कुछ ऐसी बातें सामने आई हैं, जो पहले उनकी जानकारी में नहीं थी। इसके आधार पर वे डा. संधु से कुछ और सवाल पूछना चाहते हैं, जो वह पहले नहीं पूछ सके थे, इसलिए उन्होंने डा. संधु को दोबारा अदालत में बुलाए जाने का अनुरोध किया था, लेकिन अभियोजन पक्ष ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा कि इस मामले की सुनवाई 15वें वर्ष में प्रवेश कर चुकी है और बचाव पक्ष के कौंसिल बिना वजह अदालत का समय बर्बाद करते हुए मामले को और आगे लटकाने का प्रयास कर रहे हैं।