Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jul, 2017 12:14 AM
आम आदमी पार्टी ने राज्य में विपक्ष नेता की कमान तेजतर्रार नेता सुखपाल सिंह खैहरा.....
जालंधर(रविंदर शर्मा): आम आदमी पार्टी ने राज्य में विपक्ष नेता की कमान तेजतर्रार नेता सुखपाल सिंह खैहरा के हाथ में देकर कांग्रेस व अकाली दल दोनों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खैहरा का विधानसभा में एक्टिव रहना जहां कांग्रेस के लिए भारी साबित होगा, वहीं उनके एग्रैसिव रहने से अकाली दल के हाथ से हर मुद्दा छिनता चला जाएगा। खैहरा के खास निशाने पर राज्य के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह व कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह रहने वाले हैं। खैहरा का लंबे समय से कैप्टन व राणा के साथ छत्तीस का आंकड़ा रहा है।
कै. अमरेंद्र सिंह की कार्यप्रणाली पर शुरू से ही खैहरा सवाल उठाते रहे हैं। कांग्रेस में रहते हुए भी खैहरा ने कैप्टन पर कई बार तीखे हमले किए थे और कांग्रेस को कमजोर करने के आरोप भी लगाए थे। कैप्टन की कार्यप्रणाली से खफा होकर ही खैहरा ने कांग्रेस को अलविदा कहा था। कैप्टन के खिलाफ खैहरा ने कई बार भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए थे। अब विधानसभा में विपक्ष का नेता होने के नाते खैहरा इन सब मुद्दों को और मुखर होकर उठा सकते हैं। इसके अलावा कांग्रेस सरकार के दूसरे नेता कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह की राह भी खैहरा मुश्किल कर सकते हैं। दोनों नेता लंबे समय से एक-दूसरे का विरोध करते रहे हैं।
कांग्रेस में रहते हुए भी राणा गुरजीत सिंह ने कभी खैहरा को मजबूत नहीं होने दिया, क्योंकि रेत खनन की बोली में हुए घोटाले का मुद्दा भी सबसे पहले खैहरा ने ही राणा के खिलाफ उठाया था तो अब आने वाले समय में खैहरा इस मुद्दे को और प्रमुखता से दोबारा उठा सकते हैं। विधानसभा सत्र के बाद जहां रेत खनन घोटाले का मुद्दा कुछ दब कर रह गया है, वहीं अब नेता विपक्ष बनने के बाद खैहरा दोबारा से राणा के खिलाफ नए सबूतों के साथ मोर्चा खोल सकते हैं। राणा के खिलाफ अगर इस भ्रष्टाचार के मामले की परतें दोबारा खोली गई तो यह कांग्रेस के लिए भी मुश्किलें पैदा कर सकता है।
बजट सैशन के दौरान चले विधानसभा सत्र के दौरान आम आदमी पार्टी की तरफ से नेता विपक्ष का रोल फूलका ने अदा किया था। मगर ‘आप’ की कमजोर रणनीति के कारण पूरी माइलेज सरकार के खिलाफ अकाली दल ले गया था। मगर अब क्योंकि खैहरा शुरू से ही विधानसभा में एक्टिव व एग्रैसिव रहे हैं तो अकाली दल भविष्य में इसका फायदा उठाने में कामयाब नहीं हो सकता है, क्योंकि मुख्य विपक्षी पार्टी का पद आम आदमी पार्टी के पास है तो अगर आने वाले कुछ सालों में वह विधानसभा में मजबूती से विपक्ष का रोल अदा करती है तो कांग्रेस व अकाली दल दोनों के लिए यह नुक्सानदायक साबित हो सकता है।
विपक्ष का रोल अदा करेंगे, जनता हित के मुद्दे उठाएंगे: खैहरा
नेता विपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा का कहना है कि वह विधानसभा में जनता की आवाज बनेंगे। वह कहते हैं कि सरकार की नाकामियों व गलत फैसलों का विरोध करना विपक्ष की जिम्मेदारी है और इस जिम्मेदारी को विधानसभा में बाखूबी निभाया जाएगा।