Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Aug, 2017 05:01 PM
रेत खनन मामले में जांच के लिए बनाए गए जस्टिस जे.एस. नारंग कमीशन ने अपनी जांच रिपोर्ट पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को सौंप दी है। जलद ही सरकार इस रिपोर्ट पर खुलासा करेंगी।
चंडीगढ़ (मनमोहन/भुल्लर): पंजाब में रेत खदानों की नीलामी में अनियमितताओं के लगे दोषों की जांच कर रहे जस्टिस जे.एस. नारंग कमीशन ने आज अपनी रिपोर्ट पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को उनकी सरकारी रिहायश पर मिल कर सौंपी।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने यह रिपोर्ट मुख्य सचिव को भेज दो सप्ताह में अपनी टिप्पणी देकर वापस भेजने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने इस वर्ष के मई माह में खनन विभाग की तरफ से रेत खदानों की करवाई नीलामी में कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह की शमूलियत के दोषों के मद्देनजर एक सदस्यीय कमीशन गठित करने के आदेश दिए थे।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस नारंग के कमीशन को बहु -करोड़ी रेत खनन नीलामी में सिंचाई और बिजली मंत्री विरुद्ध अनियमितताओं के लगे दोषों के साथ जुड़े सभी पहलुयों की जांच के लिए कहा गया था।
आयोग को इस पक्ष की पड़ताल करने के लिए कहा गया था कि क्या मंत्री के पूर्व कर्मचारियों को दो खदानों के टैंडर देने के अवसर पर बोली के नियमों और शर्तों की पालना की गई थी? क्या इन दोनों खदानों को अलाट करने में बोली की कीमत संबंधित राणा गुरजीत सिंह का किसी किस्म का प्रभाव था ? क्या बोलीकारों ने इन दोनों खदानों के लिए मंत्री की तरफ से बोली दी?।
इस आयोग का गठन कमीशन आफ इंक्वायरी एक्ट, 1952 के अंतर्गत किया गया था और आयोग को इस पहलू की भी पड़ताल करने के लिए कहा गया था कि क्या बोलीकारों को यह दो खदानों के अलाट करने के समय मंत्री को कोई अनावश्यक वित्तीय लाभ या लाभ हासिल हुआ और क्या यह दो खदानों के बोलीकारों को नीलाम करने के साथ सरकारी राजस्व को कोई घाटा पड़ा?