Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Feb, 2018 11:33 AM
जम्मू एंड कश्मीर में पिछले 4 दिनों से लगातार आतंकी हमलों ने भारत की बाहरी सुरक्षा के साथ-साथ अंदरूनी सुरक्षा पर भी कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं।
जालंधर/पठानकोट : जम्मू एंड कश्मीर में पिछले 4 दिनों से लगातार आतंकी हमलों ने भारत की बाहरी सुरक्षा के साथ-साथ अंदरूनी सुरक्षा पर भी कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। बात अगर पंजाब व जम्मू-कश्मीर की सीमाओं की करें तो जालंधर से लेकर माधोपुर इलाका 131 किलोमीटर पड़ता है। इस 131 किलोमीटर की दूरी के बीच पुलिस सुरक्षा की बात करें तो रास्ते में तकरीबन 15 चैक पोस्ट पड़ती हैं मगर सुरक्षा के नाम पर इन चैक पोस्ट पर चैकिंग जीरो है। कभी-कभार सिर्फ कोई इनपुट मिलने के बाद ही चैकिंग के नाम पर जोर पकड़ा जाता है।
पंजाब पुलिस की बात करें तो जालंधर के बाद काला बकरा, भोगपुर, टांडा, दसूहा, मुकेरियां, डमटाल, पठानकोट की एंट्री व पठानकोट के बाहरी इलाके के साथ-साथ माधोपुर से पहले तकरीबन 15 चैक पोस्ट हैं। प्रत्येक चैक पोस्ट पर 4 से 6 पुलिस मुलाजिमों की तैनाती के साथ-साथ हाइवे पैट्रोङ्क्षलग और संबंधित थाना इंचार्जों की भी नाकाबंदी के दौरान ड्यूटी लगती है यानी कुल मिलाकर इस 131 किलोमीटर के एरिया में पुलिस चैक पोस्ट के नाम पर ही हर माह लाखों रुपए खर्च कर रही है मगर चैकिंग की बात करें तो पंजाब पुलिस की ओर से सिर्फ खानापूॢत ही की जाती है। अगर थोड़ी सख्त चैकिंग की बात करें तो वह सिर्फ माधोपुर के पास ही दिखाई देती है, वह भी इसलिए कि वहां से जम्मू एंड कश्मीर की सीमा शुरू होती है।
पंजाब सीमा की बात करें तो यहां किसी को भी कहीं भी आने-जाने की कोई रोक-टोक नहीं है। बाहर से आने वाले वाहनों की भी गंभीरता से सघन चैकिंग नहीं की जाती है जिसका नतीजा है कि अंदरूनी इलाकों से भारत की सुरक्षा को खतरा ज्यादा सता रहा है।
क्या कहते हैं डी.जी.पी.
डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा का कहना है कि सभी पुलिस कमिश्ररों व एस.एस.पीज को हाइवे के साथ-साथ ङ्क्षलक रोड पर सख्त नाकाबंदी करने व गंभीरता से संदिग्ध वाहनों की तलाशी के आदेश दिए गए हैं। इसका रोजाना फीडबैक भी लिया जाता है। अगर जालंधर से माधोपुर इलाके में पुलिस चैक पोस्ट पर चैकिंग के नाम पर सिर्फ खानापूॢत की जा रही है तो इसका कड़ा संज्ञान लिया जाएगा और ड्यूटी में कोताही बरतने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी। डी.जी.पी. कहते हैं कि हाइवे पर चैक पोस्ट पर गंभीरता से ड्यूटी निभाई जा रही है या नहीं, इसे लेकर संबंधित जिलों के एस.एस.पी. से भी रिपोर्ट ली जाएगी।