Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Dec, 2017 08:12 AM
बीते दिनों हुई बारिश के बाद धुंध ने जोर पकड़ लिया है। रात को जीरो विजिबिलटी में सफर करना जान जोखिम में डालने वाली बात है।
जालंधर (प्रीत): बीते दिनों हुई बारिश के बाद धुंध ने जोर पकड़ लिया है। रात को जीरो विजिबिलटी में सफर करना जान जोखिम में डालने वाली बात है। वह भी जालंधर नैशनल हाईवे पर सफर करते हुए। विधिपुर फाटक से परागपुर चौक तक करीब 11 किलोमीटर के सफर में आप को 8 एक्सिडैंट प्रोन एरिया से होकर गुजरना पड़ता है।
इसके अतिरिक्त कुछ और भी एक्सिडैंट प्रॉन एरिया हैं जो दूसरे मार्गों पर हैं मगर प्रशासन की तरफ से हाईवे पर हादसे रोकने के लिए किए प्रबंध नाकाफी हैं। कई जगह रात को हो रही दुर्घटनाओं की जांच से स्पष्ट हुआ है कि कहीं इंजीनियरिंग फाल्ट और कहीं ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन तो है ही साथ में कहीं कैट आई तो कहीं रिफलैक्टर लगाना प्रशासन भूल गया है।
नैशनल हाईवे निर्माण में फाल्ट
पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले समय में किए गए सर्वे तथा सड़क दुर्घटनाओं के कारणों की जांच में तथ्य सामने आए हैं कि नैशनल हाईवे निर्माण दौरान रहे फाल्ट और समय-समय पर मैंटीनैंस न होना भी सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण है। दूसरा बड़ा कारण है कि वाहन चालक नियमों की परवाह नहीं करते।
एक्सिडैंट प्रॉन एरिया के नहीं लगे कहीं साइन बोर्ड और न ही सोलर स्टड रिफ्लैक्टर या कैट आई
दुर्घटनाएं रोकने के लिए सरकार द्वारा बड़े-बड़े सैमीनार तो लगाए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। ‘पंजाब केसरी’ की टीम द्वारा आज रात भगत सिंह कालोनी टी-प्वाइंट, पठानकोट चौक फ्लाईओवर, किशनगढ़ अड्डा, चौगिट्टी चौक इत्यादि हाईवे का दौरा किया गया। कुछ जगह साइन बोर्ड तो लगे थे, लेकिन धुंध के कारण विजिबिलिटी बिल्कुल जीरो होने के कारण ये नजर नहीं आ रहे थे। और तो और किसी भी सड़क के एक्सिडैंट प्रान एरिया में सोलर स्टड या रिफ्लैक्टर तक नहीं दिखे। ऐसी स्थिति में स्पष्ट है कि सरकार द्वारा दुर्घटनाओं को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयास सिर्फ फाइलों तक ही सीमित हैं।
हाईवे पर साइन बोर्ड, रिफ्लैक्टर लगाना सड़क निर्माण अथारिटी का काम : ए.डी.सी.पी. हीर
कमिश्नरेट के ए.डी.सी.पी. ट्रैफिक कुलवंत सिंह हीर का कहना है कि सड़क दुर्घटनाओं के लिए ट्रैफिक पुलिस जिम्मेदार नहीं है, क्योंकि ट्रैफिक पुलिस द्वारा समय-समय पर लोगों को नियमों के पालन प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता मुहिम चलाई जाती है। पुलिस का काम ट्रैफिक सुचारू चलाना तथा नियमों का पालन करने के लिए सख्ती बरतना है। लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। गहरी धुंध में भी लोग नियमों का उल्लंघन कर वाहन चलाते हैं जिससे दुर्घटना होती है। कई दुर्घटनाओं में सड़क निर्माण अथारिटी काटैक्निकल फाल्ट पाया जाता है। इस संबंधी ट्रैफिक पुलिस द्वारा समय-समय पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर संबंधित विभाग को फाल्ट दूर करने के लिए लिखा जाता है। हाईवे पर साइन बोर्ड, सोलर स्टड्स, रिफ्लैक्टर लगाना सड़क निर्माण करने वाली कम्पनी का ही काम है। पुलिस सिर्फ अपनी रिक्वायरमैंट बता सकती है। इसके अतिरिक्त शहर में ट्रैफिक साइन बोर्ड लगाने के लिए समय-समय पर नगर निगम अधिकारियों को भी कहा जाता है।
धुंध में क्या करें कि एक्सिडैंट न हो
कयैलो लाइट चालू रखें
कजरूरत पडऩे पर ही सड़क पर आएं
कबीच सड़क गाड़ी न रोकें
कमोबाइल फोन का प्रयोग न करें
कसफर के लिए ट्रेन को पहल दें
कसुबह बच्चों को लेकर सड़क पर न खड़े हों
कसड़क से दूर खड़े हों
कपार्किंग लाइट्स चालू रखें
कगाड़ी धीरे चलाएं
कअगर किसी हालात में गाड़ी सड़क पर रुक जाए तो गाड़ी से बाहर आ जाएं। गाड़ी से दूर खड़े हों तथा पीछे से 50 मीटर दूर जाकर गाडिय़ां धीमी करवाएं।
कसफर जरूरी है तो सुबह 9 से शाम 6 बजे तक ही करें।
कवाहनों में उचित दूरी रखें।
वाहन चालक नियमों का पालन करें तो दुर्घटना हो ही न
ए.डी.सी.पी. हीर का कहना है कि अगर वाहन चालक नियमों का पालन करना अपनी ड्यूटी समझें तो दुर्घटना हो ही न। ट्रैफिक नियम पालन करने के लिए बनाए गए हैं, न कि तोडऩे के लिए। अगर लोग नियमों का पालन करना अपनी ड्यूटी समझें तो भयावह होते आंकड़े कम हो सकते हैं।
कमिश्नरेट एरिया में 10 एक्सिडैंट प्रान एरिया चिन्हित
ए.डी.सी.पी. ने बताया कि सर्दी का मौसम शुरू होने से पहले ही कमिश्नरेट एरिया जालंधर में 10 एक्सिडैंट प्रान एरिया चिन्हित किए गए थे। वहां पर पुलिस द्वारा अपने स्तर पर रेडियम के साइन बोर्ड तैयार करवाए गए, ताकि लोगों को गहरी धुंध में दिक्कत न हो।