Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Sep, 2017 12:18 PM
एक ओर केंद्र तथा राज्य सरकारें लेबर कानून का सख्ती से पालन करने के लिए विज्ञापन देती हैं और फैक्ट्रियों, दुकानों की चैकिंग की जाती है कि कहीं किसी खतरनाक काम में मजदूरों को बिना सेफ्टी उपकरणों के तो नहीं भेजा जा रहा।
जालंधर (बुलंद): एक ओर केंद्र तथा राज्य सरकारें लेबर कानून का सख्ती से पालन करने के लिए विज्ञापन देती हैं और फैक्ट्रियों, दुकानों की चैकिंग की जाती है कि कहीं किसी खतरनाक काम में मजदूरों को बिना सेफ्टी उपकरणों के तो नहीं भेजा जा रहा।
पर ये सारी चैकिंगें और सख्ती आम लोगों या व्यापारियों तक ही सीमित रह जाती है। सरकार के अपने कर्मचारी और ठेकेदार सरकारी काम में इस कदर लेबर कानूनों की धज्जियां उड़ाते हैं कि अगर इसी काम को प्राइवेट कंपनी कर रही हो तो तुरंत उस पर केस दर्ज करके सारा काम रुकवा दिया जाए।
इसी प्रकार का लेबर कानूनों का उल्लंघन आज पी.ए.पी. चौक के पास देखा गया। यहां हाईटैंशन तारों को मेन टावरों पर 50-50 फुट ऊंचा करने का काम नैशनल हाईवे अथारिटी के अधीन आते ठेकेदारों द्वारा करवाया जा रहा था। 20 के करीब मजदूर तारों को ऊंचा करने का काम कर रहे थे। हैरानी की बात यह थी कि जमीन से दो-अढ़ाई सौ फुट की ऊंचाई पर मजदूरों को बिना सेफ्टी बैल्ट, बिना हैल्मेट, बिना हुक तथा बिना किसी भी प्रकार के सुरक्षा साधनों के ही टावर पर चढ़ाया गया था। टावर की लोहे की पत्तियों पर मजदूर पैर टिकाकर सैंकड़ों फुट ऊपर चढ़े और वही लोहे की पत्तियों के सहारे ही खुद को टिकाकर तारों को ऊंचा किया जा रहा था।
मौके पर मौजूद ठेकेदारों बलदेव सिंह तथा बावा से बात की गई कि इन मजदूरों को बिना सुरक्षा उपकरणों के क्यों इतनी ऊंचाई पर चढ़ाया गया है तो उनका कहना था कि अगर इन मजदूरों को सुरक्षा बैल्टें बांधी जाएं व हैल्मेट डाले जाएं तो टाइम वेस्ट होता है। टावर पर एक जगह से दूसरी जगह पर जाने के लिए बैल्ट डालनी और उतारनी पड़ती है जिसमें समय बर्बाद होता है। जब पूछा गया कि अगर कोई मजदूर इतनी ऊंचाई से गिर जाए तो कौन जिम्मेदार होगा तो ठेकेदार का कहना था कि इन्हें आदत है ये नहीं गिरेंगे। इस गैर-जिम्मेदाराना जवाब से साफ है कि कानून की सरकारी ठेकेदारों को कोई परवाह नहीं है और अपना पेट भरने के लिए काम करने वाले प्रवासी मजदूर तो बेचारे वैसे ही कुछ बोल नहीं सकते अगर वे अपने हक की मांग करेंगे तो नौकरी से जाएंगे।
मामले बारे सहायक लेबर कमिश्नर सुखजिंद्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बिना सुरक्षा साधनों के मजदूरों को ऊंचाई पर चढ़ाकर काम करवाना कानून की सरासर उल्लंघना है। उन्होंने कहा कि इस बारे नैशनल हाईवे अथारिटी तथा बिजली विभाग के अधिकारियों से वह बात करेंगे।