Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Sep, 2017 12:12 PM
अदालत परिसर में तैनात कर्मचारियों ने हाईकोर्ट के आदेशों को तामील करने में आनाकानी की तो महिला अदालत परिसर के प्रमुख गेट को ताला लगा कर धरने पर बैठ गई।
फिल्लौर (भाखड़ी): अदालत परिसर में तैनात कर्मचारियों ने हाईकोर्ट के आदेशों को तामील करने में आनाकानी की तो महिला अदालत परिसर के प्रमुख गेट को ताला लगा कर धरने पर बैठ गई। अदालत परिसर के मुख्य गेट पर प्रात: 9.30 बजे से धरना लगा कर बैठी महिला गुरचरण कौर ने पत्रकारों को बताया कि वर्ष 2008 में अदालती मुकद्दमे के दौरान उसका फगवाड़ा के एक वकील के साथ झगड़ा हो गया था, जिस पर प्रदेश के ज्यादातर वकीलों ने हड़ताल कर पहले उसके विरुद्ध वकील के साथ झगड़ा करने का अलग-अलग धाराओं के तहत मुकद्दमा दर्ज करवा दिया।
इसके बाद उसे माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की कापी मिली जिसमें लिखा गया था कि जालंधर, फिल्लौर, फगवाड़ा, कपूरथला और चंडीगढ़ की अदालतों में प्रवेश करने की उस पर पाबंदी लगाई जाती है। अगर उस पर कोई मुकद्दमा चलता है या वह किसी पर करती है तो उसकी सुनवाई दूसरे अन्य शहरों की अदालतों या हाईकोर्ट में होगी। गुरचरण कौर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद वह कभी भी इन शहरों की अदालतों में दाखिल नहीं हुई।
गुरचरण कौर ने बताया कि उसे इसी वर्ष स्थानीय जूनियर डिवीजनल अदालत में पेश होने के सम्मन मिले। इस दौरान उसे पता चला कि शिकायतकत्र्ता एक वकील का रिश्तेदार है। शिकायतकत्र्ता को उसने अपनी खेती की जमीन ठेके पर दी थी। उसने बताया कि उसने बकायदा अदालत में पेश होकर जज को सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि उस पर स्थानीय अदालत में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा हुआ है इसलिए इस केस की सुनवाई को रोक कर उसे अन्य शहर में भेजा जाए जिस पर उसे विश्वास दिलवाया गया कि उसके विरुद्ध सुनवाई को यहां से रोक कर दूसरे शहर में भेजने के लिए उच्च न्यायालय को लिख कर भेज दिया जाएगा। उसके बावजूद मुकद्दमे की सुनवाई यहीं चलती रही और गत 25 जुलाई को उसे एक्स पार्टी करार कर दिया गया।
इस पर उसने तुरंत हाईकोर्ट में पेश होकर पूरी स्थिति से अवगत करवाया और उसके विरुद्ध चल रहे केस की सुनवाई दूसरे शहर में करने की अपील की, जिसे हाईकोर्ट ने मानते हुए आदेशों की कापी स्थानीय अदालत में तामील करवाने के लिए दे दी। उक्त कापी को लेकर वह स्थानीय अदालत के चक्कर काट रही है परंतु कोई भी कर्मचारी उसकी कापी तामील नहीं कर रहा था।